नई दिल्ली: कमजोर आपूर्ति के कारण प्याज की कीमत (Onion Price) इस माह के अंत में खुदरा बाजार (Retail Market) में बढ़ने की आशंका है और अगले महीने यह लगभग 60-70 रुपए प्रति किलो तक पहुंच सकती है।
हालांकि, अक्टूबर से खरीफ की आवक शुरू होने पर प्याज की आपूर्ति बेहतर होगी, जिससे कीमतों में नरमी आने की उम्मीद है।
एक रिपोर्ट के अनुसार मांग-आपूर्ति में असंतुलन का असर अगस्त के अंत में प्याज की कीमतों पर दिखने की आशंका है।
जमीनी स्तर पर बातचीत से जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार खुदरा बाजार में सितंबर की शुरुआत से कीमतों में अच्छी-खासी वृद्धि होने की आशंका है और यह 60-70 रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच सकती है।
जनवरी-मई के दौरान प्याज की कीमतों में गिरावट
हालांकि, कीमत 2020 के उच्चतम स्तर से नीचे रहेगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि रबी प्याज के भंडारण और उपयोग की अवधि एक-दो महीने कम होने और इस साल फरवरी-मार्च में घबराहट के कारण बिकवाली से, खुले बाजार में रबी स्टॉक में सितंबर के बजाय अगस्त के अंत तक काफी गिरावट आने की आशंका है।
इससे प्याज की खपत में बढ़ोतरी होगी। त्योहारी महीनों अक्टूबर-दिसंबर में कीमतों में उतार-चढ़ाव दूर होने की उम्मीद है।
इस साल जनवरी-मई के दौरान प्याज की कीमतों में गिरावट से उपभोक्ताओं को कुछ राहत मिली। हालांकि, इससे प्याज किसान खरीफ मौसम में बुवाई के लिये हतोत्साहित हुए।
खरीफ और रबी उत्पादन के बावजूद इस वर्ष आपूर्ति में बड़ी कमी
रिपोर्ट में कहा गया है कि इसको देखते हुए हमारा मानना है कि इस साल रकबा आठ प्रतिशत घटेगा और प्याज का खरीफ उत्पादन सालाना आधार पर पांच प्रतिशत कम होगा।
वार्षिक उत्पादन 2.9 करोड़ टन होने की उम्मीद है। यह पिछले पांच साल (2018-22) के औसत उत्पादन से सात प्रतिशत अधिक है।
इसलिए, कम खरीफ और रबी उत्पादन के बावजूद इस वर्ष आपूर्ति में बड़ी कमी की संभावना नहीं है। हालांकि, अगस्त और सितंबर में बारिश प्याज की फसल (Onion Crop) और उसके विकास को निर्धारित करेगी।