नई दिल्ली: जीएसटी भुगतान करने वालों को अगले साल एक जनवरी से 12 रिटर्न भरने के बजाय एक साल में केवल चार जीएसटीआर-3 बी रिटर्न भरने की जरूरत होगी।
एक बड़े सुधार की ओर कदम बढ़ाते हुए सरकार ने जीएसटी करदाताओं के लिए रिटर्न फाइलिंग का अनुभव आसान कर दिया है, जो तिमाही रिटर्न दाखिल करने और करों के मासिक भुगतान (क्यूआरएमपी) योजना की शुरुआत के साथ करदाताओं के लिए फायदेमंद रहेगा।
राजस्व विभाग (डीओआर) के सूत्रों ने बताया कि यह योजना लगभग 94 लाख करदाताओं को प्रभावित करेगी, जो जीएसटी के कुल कर आधार का लगभग 92 प्रतिशत है और जिनका वार्षिक सकल कारोबार पांच करोड़ रुपये तक है।
डीओआर के सूत्रों के अनुसार, जीएसटी में तिमाही स्कीम को लागू करने के लिए जनवरी से छोटे करदाता को एक वित्तीय वर्ष में वर्तमान में भरी जाने वाली 16 रिटर्न के बजाय केवल आठ रिटर्न (चार जीएसटीआर-3बी और चार जीएसटीआर-1 रिटर्न) दाखिल करने की जरूरत होगी।
साथ ही, रिटर्न फाइलिंग पर करदाताओं के पेशेवर खर्च में काफी कमी आएगी, क्योंकि उन्हें वर्तमान में 16 के स्थान पर सिर्फ आधी रिटर्न ही दाखिल करनी होगी।
यह योजना जीएसटी के सामान्य पोर्टल पर उपलब्ध होगी।
सूत्रों ने कहा कि अब नकली चालान (इनवॉयस) धोखाधड़ी के खतरे पर अंकुश लगाने का काम भी किया जाएगा।
फर्जी चालान धोखाधड़ी के खिलाफ चल रहे देशव्यापी अभियान में, सीजीएसटी आयुक्तों के साथ जीएसटी इंटेलिजेंस विंग डीजीजीआई ने अब तक 114 धोखाधड़ी करने वाले व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा 3,778 फर्जी जीएसटीआईएन संस्थाओं के खिलाफ 1,230 मामले दर्ज किए गए हैं।
मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने कहा कि क्यूआरएमपी योजना में छोटे और मध्यम करदाताओं के लिए व्यापार से संबंधित कठिनाइयों को कम करने के लिए चालान फाइलिंग सुविधा (आईएफएफ) की वैकल्पिक सुविधा है।