रांची: झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) ने राज्य सरकार (State Government) के ट्रांसपोर्ट (Transport) एवं अन्य विभागों (Other Departments) में 10 साल से अधिक समय से कॉन्ट्रैक्ट (Contract) पर काम करने वाले कर्मियों की सेवा नियमित करने का आदेश दिया है।
जस्टिस डॉ एस.एन. पाठक की कोर्ट (Court) ने गुरुवार को नरेंद्र कुमार तिवारी सहित 11 अन्य लोगों की अलग-अलग याचिकाओं पर यह आदेश पारित किया।
राज्य सरकार (State Government) के ट्रांसपोर्ट (Transport) एवं अन्य विभागों में कॉन्ट्रैक्ट (Contract) पर 10 साल से ज्यादा वक्त से काम करने वाले कर्मियों ने अपनी सेवा नियमित करने की राज्य सरकार से गुहार लगाई थी, लेकिन राज्य सरकार ने उनके आग्रह को नामंजूर कर दिया था।
इसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। वर्ष 2017 में हाईकोर्ट ने भी उनकी याचिका को खारिज कर दिया था।
सभी प्रार्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की
इसके बाद सभी प्रार्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने विभाग को केस रिमांड बैक (Remand Back) कर दिया और गाइडलाइन फ्रेम (Guideline Frame) कर ट्रांसपोर्ट विभाग में 10 साल से ज्यादा समय से काम कर रहे कर्मियों को नियमित करने पर निर्णय लेने का निर्देश दिया था।
राज्य सरकार की ओर से फिर से उनके आग्रह को खारिज कर दिया गया और इन्हें वर्ष 2018 में नौकरी से हटा दिया गया। नौकरी से हटाए गए लोगों ने पुन: हाईकोर्ट (High Court) में रिट याचिका दाखिल की थी।
कोर्ट ने सभी प्रार्थियों की याचिका (Petition) को स्वीकार करते हुए उनकी सेवा को नियमित करने का आदेश राज्य सरकार को दिया है। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा एवं अधिवक्ता विपुल पोद्दार ने पैरवी की।