रांची: झारखंड पुलिस की जांच में राज्य के साइबर अपराधियों का पाकिस्तान कनेक्शन सामने आया है।
इसे लेकर पुलिस मुख्यालय ने एक पत्र लिखकर मामले की जांच एनआईए और सीबीआई से कराने की अनुशंसा की है।
सरायकेला जिले के रहने वाले सुरेन्द्र कुम्हार को कॉल करके साइबर अपराधियो की ओर से 25 लाख लॉटरी लगने की बात कहकर तीन लाख रुपया की ठगी कर ली गयी।
इस कांड के अनुसंधान के दौरान गिरफ्तार पप्पू कुमार साव से मिले साक्ष्य में इन साइबर अपराधियों का पाकिस्तान कनेक्शन सामने आया है।
साइबर अपराधियों के इस गिरोह की ओर से पाकिस्तान और अन्य स्थान से कॉल सेंटर संचालित कर लोगों को व्हाट्सएप और फोन कॉल के द्वारा लॉटरी, केबीसी और अन्य चीजों के नाम पर ठगी की जाती है।
ठगी का रुपया पप्पू कुमार और उनके जैसे कई अन्य अपराधियों की ओर से उपलब्ध कराए गए बैंक खातों में पाकिस्तान के संचालनकर्ताओं द्वारा ट्रांसफर कराया जाता है।
इस मामले में गिरफ्तार हुए पप्पू कुमार की ओर से लगभग 800 बैंक खातों का उपयोग कर साइबर अपराध करने का संकेत मिले हैं।
इन बैंक खातों में पिछले एक वर्ष के दौरान करीब 12 करोड़ रुपया का लेन देन हुआ है। इस गिरोह के पप्पू कुमार जैसे कई और गिरोह के सदस्यों के होने की बात सामने आई है। जिनका पाकिस्तान में मौजूद हैंडलरो से सीधा संबंध है।
साइबर ठगी के इस मामले में सैंपल के तौर पर कुछ बैंक खाते को संबंधित व्यक्तियों की जांच सरायकेला पुलिस की ओर से टीम बनाकर बिहार और उत्तरप्रदेश भेजी गई है।
जांच के दौरान यह पता चला कि उस क्षेत्र से संयुक्त अरब अमीरात काम करने गए कुछ लोग अपने घर पैसे भेजने के लिए ,संयुक्त अरब अमीरात के किसी व्यक्ति को पैसे देते हैं, जो इस गिरोह के सदस्य हैं।
इसके बाद साइबर अपराधियों की ओर से भारत में इस्तेमाल किए जा रहे बैंक खातों से इनके घर वालों के बैंक खातों में रुपया ट्रांसफर कर दी जाती है।
पुलिस की जांच के दौरान अबतक यह आया सामने
पुलिस की जांच के दौरान अबतक यह सामने आया है कि संयुक्त अरब अमीरात में मौजूद गिरोह के सदस्य वहीं काम कर रहे लोगों से विदेशी मुद्रा लेकर अपने पास रख लेते हैं और साइबर अपराध से प्राप्त रुपया भारत में उनके रिश्तेदारों को दे देते हैं।
इस तरह भारत में साइबर अपराध से प्राप्त रुपया बिना किसी बैंक खाते के माध्यम से संयुक्त अरब अमीरात पहुंच जा रहा है।
इस गिरोह के संयुक्त अरब अमीरात में रह रहे लोगों को साइबर अपराध से करोड़ों रुपया मिल रहा है।
इस पूरे मामले में कई पाकिस्तानी और संयुक्त मिली है। इस तरह के कई अन्य कांड अंतर्राष्ट्रीय साइबर अपराधियों के द्वारा किया जा रहा है। इसके सदस्य बिहार, उत्तर प्रदेश और केरल में फैले हुए हैं।
पाकिस्तान से संचालित इस गिरोह के पिछले सात से आठ वर्षो से कार्य करने के संकेत मिले हैं।
2 सालों में पुलिस ने 1500 से अधिक साइबर अपराधियों को पहुंचाया सलाखों के पीछे
जिससे पूरा संचालन में विदेशी एजेंसियों की संलिप्तता और संरक्षण से भी इनकार नहीं किया जा सकता है।
साइबर अपराधियों के द्वारा धोखाधड़ी के पैसे का उपयोग कर आतंकवादी गतिविधि की फंडिंग के लिए किए जाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।
झारखंड देश भर में अपने खनिज संपदाओं के लिए जाना जाता है, लेकिन हाल के दिनों में साइबर अपराध को लेकर झारखंड पूरे देश भर में बदनाम हुआ है।
झारखंड के जामताड़ा जिले से शुरू हुआ साइबर अपराधियों का कारोबार पूरे देश में फल फूल रहा है।
2 सालों में पुलिस ने 1500 से अधिक साइबर अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया।
इसके बावजूद साइबर अपराध की वारदातें लगातार सामने आ रही है। आंकड़े के अनुसार झारखंड में सक्रिय साइबर अपराधी हर दिन पांच लोगों को अपना शिकार बनाते हैं।