पलामू : डालटनगंज के विधायक (MLA) आलोक चौरसिया के उम्र मामले (Alok Chaurasia Age Issue) में हाई कोर्ट के फैसले पर पूर्व मंत्री KN Tripathi ने असंतुष्टि जाहिर की है।
साथ ही उन्होंने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में इस मामले को पुनः ले जाने का निर्णय लिया है। सोमवार को चियांकी स्थित अपने आवास पर पत्रकारों को इस संबंध में जानकारी दी।
पूरा पलामू जानता है कि उम्र मामले में सच्चाई क्या है
पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी ने कहा कि सत्य और न्याय के लिए वे अंतिम सांस तक लड़ाई लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि आलोक चौरसिया ज्ञान निकेतन के स्टूडेंट रहे हैं। आलोक ने कभी भी गुरियादामर स्कूल में पढ़ाई नहीं की है।
बावजूद वहां का दो दो बार फर्जी टेंपर्ड सर्टिफिकेट लगाकर अपनी उम्र बदलवाई। उम्र से संबंधित सारे दस्तावेज फर्जी लगाए गए।
हाई कोर्ट ने जन्मपत्री के आधार पर आलोक चौरसिया (Alok Chaurasia) के पक्ष में निर्णय दिया, जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए। निर्णय सर्टिफिकेट के आधार पर होना चाहिए था। पूरा पलामू जानता है कि उम्र मामले में सच्चाई क्या है।
उन्होंने कहा कि उनकी यह लड़ाई विधायक बनने या नहीं बनने से जुड़ा हुआ नहीं है। वे चाहते हैं कि फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर जो काम हुआ है, उसका पर्दाफाश करके सच्चाई सबके सामने लाएं।
पौने चार साल में आया फैसला
उन्होंने कहा कि कोर्ट में प्रूफ हो चुका है कि उम्र बदलने के लिए शैलेन्द्र चौरसिया के नाम से Voter ID लगाई गई थी। कोर्ट में इसे स्वीकार भी किया गया था। बावजूद जन्मपत्री के आधार पर निर्णय देना सही नहीं है।
उन्होंने कहा कि शुरुआत में वह सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) गए थे। कोर्ट ने माना था। इस मामले को छह माह में निर्णय लेने के लिए हाई कोर्ट को निर्देशित किया था, बावजूद पौने चार साल में फैसला आया।