मुंबई: बम्बई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) ने महाराष्ट्र के पालघर में अप्रैल 2020 में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या (लिंचिंग) मामले में गिरफ्तार 10 आरोपियों को शुक्रवार को जमानत दे दी।
न्यायमूर्ति भारती डांगरे की पीठ ने हालांकि इस मामले में आठ अन्य आरोपियों द्वारा दायर जमानत याचिकाओं को यह देखते हुए खारिज कर दिया कि हिंसा स्थल से सीसीटीवी रिकॉर्डिंग और तस्वीरों में पीड़ितों के साथ मारपीट में उनकी सक्रिय भागीदारी दिखाई गई है।
पीठ राज्य पुलिस द्वारा मामले में आरोपित 100 से अधिक आरोपियों में से 18 द्वारा दायर चार अलग-अलग आवेदनों पर सुनवाई कर रही थी।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए लगाये गये लॉकडाउन के बीच 16 अप्रैल, 2020 को पालघर जिले से सटे गडचिंचले गांव में भड़की हिंसा के दौरान तीन व्यक्तियों – दो संतों और उनके कार चालक की मौत हो गई थी।
एक कार में गुजरात जा रहे पीड़ितों को ग्रामीणों की भीड़ ने रोका और उन्हें चोर समझकर उन पर हमला कर दिया। मामले की शुरुआत में पालघर पुलिस ने जांच की थी और बाद में इसे राज्य अपराध अनुसंधान विभाग (सीआईडी)-अपराध शाखा को स्थानांतरित कर दिया गया था।
मामले में 18 आरोपियों ने जमानत के लिए पिछले साल उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।