DHANBAD/धनबाद: Para Teacher News प्राइमरी स्कूल लकड़का न० 05 में नियमों को ताक पर रखकर पूर्व प्रधानाध्यापक की धर्मपत्नी को पारा टीचर बनाने का मामला सामने आया है।
इस संबंध में जनसभा के जिला प्रतिनिधि सह आरटीआइ कार्यकर्ता अरबिन्द सिन्हा ने धनबाद उपायुक्त, डीएसई, बाघमारा विधायक ढुलू महतो, गिरिडीह सांसद प्रतिनिधि शिक्षाद्ध प्रिंस शर्मा, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और मुख्य सचिव सुखदेव सिंह को पत्र लिखकर कार्रवाई करने की मांग की है।
2006 में हुआ था 6 पारा शिक्षकों का चयन
अरविंद सिन्हा ने आरटीआई से प्राप्त दस्तावेज के आधार पर इसका खुलासा किया है।
इसमें नया प्राथमिक विद्यालय लकड़का नंबर 5 में वर्ष 2006 में पारा शिक्षक पद के लिए कुल 6 लोगों ने आवेदन दिया था।
इनमें सरिता कुमारी शर्मा, विक्टोरिया खातून, लीना चंद्रावरकर, संतोष कुमार रजक, अनिल कुमार रजक एवं रामराज महाराज शामिल हैं।
अरबिन्द सिन्हा ने पत्र के माध्यम से आरोप लगाया है कि यदि रिक्त पद के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता की अहर्ता सभी आवेदक पूरी करते हैं तो फिर सामाजिक अधिमानता के अनुसार सबसे पहले जाति कैटेगरी को प्राथमिकता दी जानी थी, उसके बाद ही महिला अधिमानता एवं उच्च योग्यता को प्राथमिकता दी जानी थी।
परंतु यहां पारा शिक्षक के चयन में घोर अनियमितता बरती गई है।
ससुर राजेंद्र महाराज आमसभा के अध्यक्ष थे
संविधान में निहित आरक्षण के कानून को तोड़कर सामाजिक अधिमानता के नियमों की अवहेलना करके सरिता शर्मा का चयन किया गया है। सरिता शर्मा उसी स्कूल के पूर्व प्रधानाध्यापक सूर्यदेव महाराज की धर्मपत्नी हैं।
सूर्यदेव महाराज विशेष आवासीय प्रशिक्षण केंद्र चलाने के नाम पर 2 लाख 61 हजार रुपये के गबन करने के मामले में दोषी भी साबित हो चुके हैं।
महाराज के पिता राजेन्द्र महाराज उस आम सभा के तत्कालीन अध्यक्ष थे।
आरटीआई कार्यकर्ता ने आरोप लगाया है कि सरिता शर्मा ने अपने पति और अपने ससुर की धन-दौलत, पहुंच और पैरवी का नाजायज लाभ उठाया।
उपरोक्त मामले में उचित कानूनी कार्रवाई करके संविधान के प्रति आम जनता की आस्था को बरकरार रखने की सिफारिश की गई है।