झारखंड

झारखंड में पारा शिक्षकों को आ रहे सरकार के खुफिया तंत्र इंटेलिजेंस ब्यूरो और सीआईडी से फ़ोन, क्लिक कर जानें क्या है मामला

न्यूज़ अरोमा रांची: स्थायीकरण व वेतनमान समेत अन्य मांगों को लेकर लंबे समय से प्रयासरत राज्य के लगभग 65 हजार पारा शिक्षकों में हेमंत सरकार की वादा खिलाफी के बाद आंदोलन की सुगबुगाहट क्या हुई, पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है।

शुक्रवार को जिलाध्यक्ष, एकीकृत पारा शिक्षक सोनू सरदार को भी दिन में करीब 7-8 बार इंटेलिजेंस ब्यूरो और सीआईडी से फ़ोन आया।

फ़ोन कर आंदोलन की रणनीति के बारे में जानकारी हासिल करने के लीए किया गया था।

हालांकि यहां से भी उन्हें वही जवाब दिया गया जो की पुलिस हेड क्वार्टर से फ़ोन करने पर मो शकील ने दिया था।

बता दें की प्रशासन भी इन सब तरह के आन्दोलन को लेकर सतर्क है। अभी कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री के काफिले पर हुए हमले के बाद ख़ुफ़िया विभाग अलर्ट पर है।

किसी भी तरह के आन्दोलन लोगों के जुटने की ख़बर को लेकर बहुत ही सावधानी बरती जा रही है।

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एक कारण ये भी हो सकता है जिसकी वजह से इस तरह से कॉल कर जानकारी ली जा रही है।

बता दें कि ख़ुफ़िया विभाग का काम होता है इस तरह की जानकारी को इकट्ठा कर उसे अधिकारीयों तक देना जिससे वो इस तरह के आन्दोलन पर नज़र रख सकें और किसी तरह की कोई चुक विधि व्यवस्था बनाये रखने में न हो।

इसके साथ यह शाखा आगंतुक वीवीआईपी जनों यथा, राज्यों के मुख्यमंत्रियों, राज्यपालों, केंद्र सरकार के मंत्रियों की व्यक्तिगत सुरक्षा आवश्यकताओं से संबन्धित कार्रवाई को भी देखती है।

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तीन माह के भीतर स्थायीकरण करने का था वायदा

जिलाध्यक्ष ने कहा कि सरकार ने सत्ता संभालने के तीन माह के भीतर स्थायीकरण का वायदा किया था जो कि अब तक धरातल पर नहीं उतरा है जिस वजह से राज्य भर के पारा शिक्षक आक्रोशित हैं।

पारा शिक्षकों का कहना है कि यह सरकार भी पूर्ववर्ती सरकार की तरह पारा शिक्षकों को छलने का कार्य कर रही है।

आंदोलन तो होकर रहेगा। सोनू सरदार ने बताया की सरकार के अंदर खलबली मच गई है।

इस तरह फोन पर फ़ोन आना ये इसी बात का इशारा है की सरकार नही चाहती के किसी तरह का कोई आन्दोलन हो।

लेकिन पारा शिक्षकों ने भी ठाना है अबकी बार आर या पार। उनका कहना है सभी पारा शिक्षक एकजुट रहें और प्रदेश नेतृत्व के निर्देशानुसार चलें साथ आंदोलन को सफल बनाएं। हमारी विजय तय है।

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पुलिस हेडक्वार्टर से भी किया गया था फ़ोन

इधर बुधवार को पुलिस हेड क्वार्टर से पारा शिक्षक संघ के रांची जिलाध्यक्ष मो शकील उर्फ भाई जान को भी फ़ोन किया गया था। फ़ोन कर कहा जा रहा है कि आप लोग फिर से आंदोलन कर रहे हैं क्या।

क्यों कर रहे हैं और यदि कर रहे हैं तो आंदोलन वापस नहीं लिया जा सकता है क्या!

यह कहना है पारा शिक्षक संघ के रांची जिलाध्यक्ष मो शकील उर्फ भाई जान का। उन्होंने कॉलर से कह दिया है कि आंदोलन तो किसी हाल में रुकेगा नहीं।

अब हर हाल में आंदोलन होकर रहेगा, आप सरकार तक हमारा यह मैसेज पहुंचा दीजिए।

तीन माह में स्थायी करने का किया था वादा

इधर पारा शिक्षकों का कहना कि राज्य की वर्तमान सरकार द्वारा चुनाव पूर्व हर मंच से वादा किया गया था कि हमारी सरकार बनते ही 3 महीने में पारा शिक्षकों को स्थायी करते हुए वेतनमान दिया जाएगा।

मगर आज 1 वर्ष हो गई फिर भी सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंग रहा है।

स्थायीकरण तो दूर सरकार द्वारा पारा शिक्षकों के हित पर भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। मुख्यमंत्रीजी द्वारा पारा शिक्षकों के हित में एक भी स्टेटमेंट नहीं दिया जा रहा है।

वादा याद दिलाकर सीएम आवास का करेंगे घेराव

ऐसे में झारखंड के 65000 पारा शिक्षक फिर से मजबूर होकर पुनः आंदोलन करने को बाध्य हो गए हैं।

इसके तहत 17 जनवरी को झारखंड के राजधानी के 3 विधायकों के आवास सहित तमाम सत्तापक्ष के विधायकों के आवास पर वादा याद दिलाओ प्रदर्शन किया जाएगा।

इसके बाद 24 जनवरी को सभी मंत्रियों के आवास पर भी वादा याद दिलाओ प्रदर्शन किया जाएगा।

यदि इसके बाद भी सरकार हमारी मांगों पर विचार नहीं करती है, मांगे पूरी नहीं करती है तो 10 फरवरी 2021 को झारखंड के 65000 पारा शिक्षक मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे, जिसकी सारी जवाबदेही राज्य सरकार की होगी।

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वर्षगांठ समारोह में भी मिली निराशा

चुनाव से पहले हर मंच से पारा शिक्षकों को स्थायी करने का वादा किया गया था। बार-बार आश्वासन भी देते रहे। लेकिन कभी न वादे पूरे हुए और न आश्वासनों पर ही सरकार द्वारा अमल किया गया।

हद तो तब हो गई जब प्रदेश के हजारों पारा टीचर्स को सरकार के वर्षगांठ समारोह से भी निराशा ही हाथ लगी।

सबको उम्मीद थी कि इस समारोह में उनके लिए कुछ अच्छी घोषणाएं होंगी, लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं।

ऐसे में अब पारा टीचर्स ने आंदोलन का मूड बना लिया है। और अब आंदोलन के माध्यम से ही अपना अधिकार लेकर रहेंगे।

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आंदोलन को धार देने की पूरी है तैयारी, आज बुलाई गई बैठक

झारखंड के पारा शिक्षकों ने वादा याद दिलाओ प्रदर्शन कार्यक्रम को सफल करने की तैयारी को लेकर के कल 9 जनवरी को पारा शिक्षक संघ का जिला स्तरीय बैठक रांची के धुर्वा मैदान में होगी।

जिसमें 10 जनवरी को सत्ता पक्ष के सभी विधायकों के आवास का घेराव, 24 जनवरी को सभी मंत्रियों के आवास का घेराव करेंगे।

पारा शिक्षकों का कहना है कि इसके बाद भी सरकार मांगे पूरी नहीं करती है तो राज्य के 65000 पारा शिक्षक बाध्य होकर मुख्यमंत्री आवास का घेराव 10 फरवरी को करेंगे।

उन्होंने कहा कि इसकी ज़िम्मेदार और जवाबदेही राज सरकार की होगी।

क्या है पारा शिक्षकों की मांगें

एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा की राज्य इकाई का कहना है कि बड़ी संख्या में पारा शिक्षक स्थायीकरण एवं वेतनमान, अप्रशिक्षित एवं एनसी अंकित/क्लियर साथियों के बकाए मानदेय का भुगतान, छतरपुर एवं नौडीहा बाजार के 436 पारा शिक्षकों के बकाए एवं नियमित मानदेय का भुगतान, पश्चिमी सिंहभूम जिले के 69 पारा शिक्षकों सहित राज्य के सभी जिलों के कुछेक पारा शिक्षकों के पूर्व वित्तिय वर्ष के लंबित मानदेय का भुगतान, राज्य इकाई के कोष के सशक्तिकरण के संबंध में, टेट उत्तीर्ण पारा शिक्षकों को टेट पास का मानदेय भुगतान मुख्य मांगें हैं।

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