झारखंड

झारखंड में 248 पारा शिक्षक लापता, पकड़े जाने के डर से नहीं आ रहे स्कूल

रांची: Jharkhand (झारखंड) में शिक्षा विभाग (Education Department) में चल रहे फर्जीवाड़े का अब धीरे-धीरे खुलासा होने लगा है। हालांकि इस मामले में कार्रवाई भी तेज हो गई है।

प्रदेश में खुलासा हुआ है कि प्रदेश में बड़े पैमाने पर सहायक अध्यापक (पारा शिक्षक) फर्जी प्रमाण-पत्र (Fake Certificate) पर नौकरी कर रहे हैं।

हालांकि इसका खुलासा होने के बाद अब ऐसे फर्जी लोग सख्त कार्रवाई होने और नौकरी (Job) जाने के डर से ऐसे लोग खुद से ही नौकरी छोड़-छोड़कर फरार होने लगे हैं।

सैकड़ों ऐसे शिक्षक (Teachers) हैं जो प्रमाण पत्र (Certificate) की जांच कराए बिना ही स्कूल नहीं आ रहे हैं।

बताया जा रहा है कि इन शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी हो सकते हैं, इसी कारण ये गिरफ्तारी (Arrest), कार्रवाई और नौकरी जाने के डर से प्रमाण पत्रों की जांच कराने नहीं आ रहे हैं।

बता दें कि इसी का परिणाम है कि प्रमाण पत्रों की जांच (Investigation) जब से शुरू हुई, तभी से 232 पारा शिक्षकों ने नौकरी छोड़ दी है।

वहीं, करीब 170 ने प्रमाण पत्र जमा ही नहीं कराए हैं। माना जा रहा है कि ये सभी फर्जी रूप से नौकरी कर रहे थे। इसका खुलासा शिक्षा विभाग की आयोजित बैठक (Meeting) में हुआ है।

जांच से पहले ही फरार हो रहे शिक्षक

स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग (Department of School Education and Literacy) के सचिव के. रवि कुमार ने बताया कि बैठक में यह तथ्य सामने आया कि जाली प्रमाणपत्रों (Forged Certificates) पर काम कर रहे सहायक अध्यापक सर्टिफिकेट जांच से पहले ही नौकरी छोड़ रहे हैं।

अब तक 232 सहायक अध्यापकों ने नौकरी छोड़ी है।

इनकी संख्या और बढ़ने की संभावना है। वहीं, 170 समेत वैसे सहायक अध्यापक जिन्होंने सर्टिफिकेट जांच के लिए आवेदन नहीं किया है, उन्हें पांच दिसंबर तक का मौका दिया जा रहा है।

वे पांच दिसंबर तक सर्टिफिकेट जमा करें, नहीं तो जनवरी से मानदेय का भुगतान नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही उनकी सेवा समाप्त करने की कार्रवाई की जाएगी।

फरार शिक्षकों का पता लगाएगा शिक्षा विभाग

राज्य के 248 सहायक शिक्षक (Para Teachers) लापता (Missing) हो गए हैं। वे न स्कूल (School) आ रहे हैं, न बच्चों (Students) को पढ़ा रहे हैं।

ऐसे शिक्षकों की विभाग तलाश करेगा। शिक्षा सचिव ने बताया कि जो 248 शिक्षक लापता हैं उन्हें खोजा जाएगा।

वे क्यों स्कूल नहीं आ रहे हैं, इसका कारण पता किया जाएगा। ये शिक्षक मिले तो उन्हें बच्चों के पठन-पाठन में लगाया जाएगा। नहीं मिलने पर उन्हें हटाने की दिशा में कार्रवाई की जाएगी।

राज्य के सभी शिक्षक ई-विद्यावाहिनी (E-Vidyavahini) में अनिवार्य रूप से हाजिरी बनाएंगे।

जनवरी से ई-विद्यावाहिनी में ऑनलाइन हाजिरी (Online Attendence) बनाने वाले शिक्षकों को वेतन (Salary) और मानदेय (Honorarium) का भुगतान किया जाएगा।

शिक्षा सचिव ने इसे स्पष्ट कर दिया है। उन्होंने RJDE, DEO व DSE के माध्यम से सभी सहायक शिक्षक व सहायक अध्यापकों को निर्देश दिया है कि वे ई-विद्यावाहिनी से ही हाजिरी बनाएं।

जहां इंटरनेट कनेक्टिविटी (Internet Connectivity) नहीं है वहां भी एप (App) से ही अपनी उपस्थिति दर्ज कराएं। वहीं, शिक्षा सचिव ने यह भी निर्देश दिया है कि पांच जनवरी के बाद कोई भी शिक्षक BLO का काम नहीं करेंगे।

वे गैर शैक्षणिक कार्य (Non Academic Work) नहीं करेंगे और उन्हें एक बार गुरु गोष्ठी में शामिल होना होगा।

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