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बिहार में मगध विवि के वीसी राजेंद्र प्रसाद के यहां निगरानी का छापा, दो करोड़ नगद बरामद

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पटना: बिहार में विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) भ्रष्ट अधिकारियों पर लगातार कार्रवाई कर रही है। इसी क्रम में गोरखपुर के रामगढ़ताल थाना क्षेत्र स्थित मगध विश्वविद्यालय के वीसी राजेंद्र प्रसाद के घर पर की गयी छापेमारी में करीब दो करोड़ नगद और एक करोड़ रुपये की अचल संपत्ति से जुड़े दस्तावेज बरामद किए।

अचल संपत्ति में अधिकतर जमीन के दस्तावेज हैं, जो वर्ष 2018 से 2020 के बीच खरीदी गई हैं। वीसी पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं। विश्वविद्यालय में खरीदारी के नाम पर 30 करोड़ रुपये से अधिक के दुरुपयोग को लेकर बुधवार को एसवीयू ने कुलपति के तीन ठिकानों पर छापेमारी की।

गया स्थित आवास, बोधगया के कार्यालय और गोरखपुर स्थित घर की तलाशी ली गई। देर रात 12 बजे तक चली इस कार्रवाई में गोरखपुर के घर से दो करोड़ नगद, करीब पांच लाख की विदेशी मुद्रा और 15 लाख रुपये के जेवर बरामद हुए हैं। जमीन के कई कागजात के साथ बैंक खातों और लॉकर की भी जानकारी मिली है।

विशेष निगरानी इकाई के मुताबिक मगध विवि के कुलपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, उनके आप्त सचिव सह असिस्टेंट सुबोध कुमार, वीर कुंवर सिंह विवि के वित्त पदाधिकारी ओम प्रकाश, पाटलिपुत्र विवि के रजिस्ट्रार जितेन्द्र कुमार के अलावा लखनऊ स्थित पूर्वा ग्राफिक्स एंड ऑफसेट प्रिंटर्स, एम/एस एक्सएलआईसीटी सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

जालसाजी और भ्रष्टाचार विरोधी अधिनियम के तहत विभिन्न धाराओं में इनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। आरोप है कि मगध विवि और वीर कुंवर सिंह विवि के कुलपति रहते डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने नाजायज ढंग से विश्वविद्यालय के उपयोग के लिए उत्तर पुस्तिका, पुस्तक और गार्ड की प्रतिनियुक्ति आदि के काम मनमाने ढंग से किए।

गोरखपुर में मिले जमीन के कागजात

एसवीयू को गोरखपुर स्थित वीसी के आवास की तलाशी में करीब एक करोड़ की जमीन के कुछ कागजात मिले हैं। बताया जाता है कि ये जमीन हाल के वर्षों में ही खरीदी गई है। इसके अलावा कई बैंक एकाउंट और कुछ लॉकर का भी पता चला है जिसे फ्रीज करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। शेयर में भी उन्होंने निवेश कर रखा है।

गोरखपुर में तारामंडल (आजाद नगर पूर्वी) स्थित मकान में राजेंद्र प्रसाद के पुत्र अशोक प्रसाद अपनी पत्नी और बच्चों के साथ रहते हैं। विदेशी मुद्रा की बरामदगी को लेकर एसवीयू जल्द ही कस्टम विभाग को सूचित करेगी।

एसवीयू जब तलाशी लेने पहुंची तो खरीदारी से संबंधित फाइल उनके कार्यालय के बजाए गया स्थित आवास पर मिली। यह सरकारी नियमों के विरुद्ध है, लिहाजा इस संबंध में अलग से प्राथमिकी दर्ज की जा सकती है। फाइल को जब्त कर लिया गया है।

उल्लेखनीय है कि फरवरी 2021 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता सूर्य कुमार द्वारा डिग्री प्रिटिंग, कॉपी व अन्य सामग्री की खरीद में हेराफेरी का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की गयी थी।

इस मामले में जांच के बाद एसवीयू द्वारा पहले कुलपति के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। उसके बाद अदालत से सर्च वारंट लेकर उनके ठिकानों को खंगाला गया।

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