नई दिल्ली: मधुमेह टाइप-1 (Diabetes type 1) से ग्रस्ति लोगों को कोरोना संक्रमण का खतरा सबसे अधिक है। इस संबंध में सोमवार को भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद् (ICMR) ने नए दिशा-निर्देश जारी किया है।
आईसीएमआर के मुताबिक टाइप-1 मधुमेह के मरीजों में कोरोना संक्रमण का खतरा अधिक है। कोरोना महामारी के चलते मधुमेह से ग्रसित मरीजों (Patients) को उच्च जोखिम का सामना करना पड़ा और उनकी मृत्यु दर काफी बढ़ गई थी।
परिवार में अगर किसी को मधुमेह है तो भी बच्चों को हो सकता
कोरोना संक्रमण (Infection) के मामले फिर से बढ़ते देख आईसीएमआर (ICMR) ने टाइप-1 मधुमेह के लिए गाइडलाइन जारी की है।आईसीएमआर के अध्ययन के मुताबिक मधुमेह टाइप 1 बीमारी युवाओं मे तेजी से बढ़ रही है।
5-7 साल के बच्चों में और 18 साल से पहले की उम्र के बच्चों में टाइप-1 का खतरा सबसे अधिक होता है। इस बीमारी (Disease) से ग्रसित बच्चों का वजन कम होने लगता है। इनमें थॉयराइड का भी खतरा होता है।
परिवार में अगर किसी को मधुमेह है तो भी बच्चों को हो सकता है। टाइप 1 मधुमेह के मरीजों के लिए आईसीएमआर की ओर से सलाह दी गई है कि वह अपने खाने में 50-55 फीसदी कार्बोहाइड्रेड, 10 फीसदी से अधिक सुक्रोज, 25-35 फीसदी फैट, 15-20 फीसदी प्रोटीन का इस्तेमाल करें।