भारत

देव भक्ति व देश भक्ति को समान समझते थे प्रमुख स्वामी: PM मोदी

अहमदाबाद: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने प्रमुख स्वामी शताब्दी समारोह (Pramukh Swami Centenary Celebrations) के उद्घाटन समारोह में कहा कि प्रमुख स्वामी ने संत परंपरा को पूरी तरह से बदलकर इसे समाजसेवा से जोड़ दिया।

उनके लिए देव भक्ति और देश भक्ति में अंतर नहीं था। प्रमुख स्वामी चाहते तो वे गांधीनगर, अहमदबाद जैसे बड़े शहरों में रह सकते थे, लेकिन उन्होंने छोटे से सालंगपुर (Salangpur) में रहना पसंद किया।

Pramukh Swami Centenary Celebrations

यहां उन्होंने संतों का प्रशिक्षण केन्द्र (Training Center) शुरू किया। मोदी ने कहा कि प्रमुख स्वामी ने यह सिद्ध कर दिया कि संत सिर्फ स्व कल्याण के लिए नहीं समाज कल्याण के लिए हैं, वे इसका जीता जागता उदाहरण बने रहे।

 

प्रधानमंत्री बुधवार को अहमदाबाद के सरदार पटेल रिंग रोड पर भाडज से ओगणज के बीच प्रमुख स्वामी नगर में आयोजित प्रमुख स्वामी शताब्दी समारोह में बोल रहे थे।

Pramukh Swami Centenary Celebrations

प्रधानमंत्री ने प्रमुख स्वामी के साथ बिताए पलों की चर्चा की

इस अवसर पर उन्होंने प्रमुख स्वामी के साथ बिताए पलों को सत्संगियों के साथ साझा किया। मोदी ने कहा कि प्रमुख स्वामी से उनका आध्यात्मिक नाता था।

पिता-पुत्र की तरह स्नेह और एक अटूट बंधन था। उन्होंने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि इस ऐतिहासिक कार्यक्रम के वे सहभागी और सत्संगी बने हैं। यह आयोजन नई पीढ़ी को प्रेरणा देगा। आपके संतों ने पूरी दुनिया को जोड़ने का काम किया।

Pramukh Swami Centenary Celebrations

प्रधानमंत्री ने प्रमुख स्वामी के साथ बिताए पलों की चर्चा की। उन्होंने कहा कि प्रमुख स्वामी से मिलना उन्हें अच्छा लगता था। ऐसा लगता था कि वे किसी विशाल वट वृक्ष की छाया में बैठै हैं, ज्ञान के अथाह भंडार के साथ हैं।

प्रमुख स्वामी के खुद के प्रति लगाव के कई किस्से प्रधानमंत्री ने सुनाए। उन्होंने कहा कि जब वे पहली बार राजकोट से चुनाव लड़ने गए तो नोमिनेशन के वक्त उन्होंने एक कलम भिजवाए और कहा था कि इससे हस्ताक्षर करना।

Pramukh Swami Centenary Celebrations

 

वहीं जब वे वाराणसी से चुनाव लड़ने गए तो वहां भी उन्होंने भाजपा के झंडे के रंग का कलम भिजवाया। इतना ही नहीं हर साल एक कुर्ता पायजामा का कपड़ा भी वे भिजवाते रहे। उन्होंने यह क्रम 40 वर्षों तक जारी रहा।

मोदी ने वर्ष 1992 की कश्मीर के लाल चौक पर झंडा फहराने से लेकर अक्षरधाम पर आतंकी हमले का जिक्र कर प्रमुख स्वामी के व्यक्ति का चित्रण किया।

उन्होंने कहा कि प्रमुख स्वामी के विचार सार्वभौमिक और शास्वत है। वेद से विवेकानंद (Vivekananda) तक जिस धारा को प्रमुख स्वामी जैसे संतों ने आगे बढ़ाया वह वसुधैव कुटुंबकम की भावना को शताब्दी समारोह में दर्शन हो रहा है। आयोजन में राज्यपाल आचार्य देवव्रत, मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल, महंत स्वामी समेत बड़ी संख्या में गणमान्य साधु-संत मौजूद रहे।

Pramukh Swami Centenary Celebrations

छह सौ एकड़ में बनाया प्रमुख स्वामी शताब्दी समारोह नगर

अहमदाबाद के सरदार पटेल रिंग रोड पर भाडज से ओगणज के बीच प्रमुख स्वामी नगर (Swami Nagar) करीब 600 एकड़ जमीन में बनाया गया है। यहां 15 दिसंबर से 15 जनवरी तक पूरे एक महीने तक विभिन्न आयोजन होंगे।

यहां की भव्यता और दिव्यता के साथ ही कई आकर्षण श्रद्धालुओं को विभोर करेंगे। प्रमुख स्वामी नगर में प्रवेश के लिए जहां हरेक दिशा में द्वार बनाए गए हैं। समारोह आम लोगों के लिए रोजाना दिन के 2 बजे से रात के 9 बजे तक प्रवेश के लिए खुला रहेगा।

यहां सेवा कार्य के लिए 2200 स्वयंसेवकों को तैनात किया गया है, जो 45 विभागों के जरिए अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। मुख्य आकर्षण में यहां ग्लो गार्डन (Glow Garden) हैं, जहां प्रकृति का दर्शन होता है। दिल्ली के अक्षरधाम की प्रतिकृति है।

Pramukh Swami Centenary Celebrations

वहीं विविध थीम पर आधारित 5 प्रेरणादायी डोम हैं जिसमें परिवारिक संवादिता, व्यसन मुक्ति, भारत गौरव, विरल प्रतिभा दर्शन आदि का समावेश हैं।

यहां रोजाना शाम 5 से 7.30 बजे संतों-महंतों का व्याख्यान आयोजित होंगे। इसके आलवा 300 बालकों व युवकों का 180 फीट चौड़े मंच से प्रस्तुति होगी।

इस सभागार में 20 हजार दर्शक एक साथ बैठ सकते हैं। समारोह में रोजाना रात्रि भक्ति संगीत होगा। बाल नगरी और विशाल लाइट एंड साउंड (Bal Nagri and Vishal Light and Sound) भी आकर्षण का केन्द्र बना है।

Back to top button
Close

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker