भुवनेश्वर: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल जुलाई में समाप्त होने वाला है। इस बीच सबकी निगाहें बीजू जनता दल (बीजद) के अध्यक्ष और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक पर हैं।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि पटनायक अकेले एनडीए उम्मीदवार के लिए एक आसान जीत सुनिश्चित कर सकते हैं।
वर्तमान में, विपक्षी दलों के पास सामूहिक रूप से निर्वाचक मंडल का 51.1 प्रतिशत हिस्सा है, जबकि भाजपा और उसके गठबंधन सहयोगियों के पास 48.9 प्रतिशत है। एनडीए को आधे रास्ते को पार करने के लिए केवल 1.2 फीसदी की जरूरत है।
21 सांसदों (लोकसभा में 12 और राज्यसभा में नौ) और ओडिशा विधानसभा में 113 विधायकों के साथ, बीजद के पास 3.22 प्रतिशत वोट हैं। ऐसे में राष्ट्रपति चुनाव में बीजद अहम भूमिका निभाने जा रही है।
बीजद प्रवक्ता लेनिन मोहंती ने आईएएनएस से कहा, हम एनडीए और यूपीए दोनों से समान दूरी बनाए हुए हैं। हमारी पार्टी के अध्यक्ष ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि फैसला राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की योग्यता के आधार पर होगा।
हालांकि ओडिशा में सत्तारूढ़ दल ने अपने कार्ड का खुलासा नहीं किया है, लेकिन उसने 2017 और 2012 में हुए पिछले दो चुनावों के दौरान गैर-यूपीए उम्मीदवारों का समर्थन किया था।
आपको बता दें कि, 2017 में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान, पटनायक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोन आने के बाद एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद का समर्थन किया था।
उस समय बीजद अध्यक्ष ने कहा था कि भारत के राष्ट्रपति का पद राजनीतिक विचारों से ऊपर है और पार्टी इसे राजनीति से ऊपर रखना चाहती है।
सितंबर 2020 में उन्होंने राज्यसभा के डिप्टी चेयरमैन पद के चुनाव में एनडीए उम्मीदवार हरिवंश नारायण सिंह का समर्थन किया था।
इसके अलावा, बीजद ने कई मौकों पर मोदी सरकार को अपना प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष समर्थन दिया है।
स्थानीय राजनीतिक एक्सपर्ट्स का मानना है कि नवीन पटनायक के राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार का समर्थन करने की संभावना है क्योंकि उन्होंने पिछले कई सालों में महत्वपूर्ण समय में केंद्र का समर्थन किया है।