चेन्नई: जहां भाजपा और राजग राष्ट्रपति चुनाव (presidential election) में द्रौपदी मुर्मू की उम्मीदवारी को देश में आदिवासी समुदाय को ऊपर उठाने की दिशा में एक बड़े कदम के रूप में उजागर कर रहे हैं वहीं, तमिलनाडु की एक प्रमुख दलित राजनीतिक पार्टी विदुथलाई चिरुथाईगल काची (वीसीके) ने सभी विपक्षी दलों से राष्ट्रपति के रूप में यशवंत सिन्हा का समर्थन करने का आग्रह किया है।
VCK के संस्थापक नेता और सांसद थोल थिरुमावलवन ने कहा कि राष्ट्रपति के दलित होने के बावजूद देश में समुदाय पर हमले में कोई कमी नहीं आई है। उन्होंने कहा कि समुदाय पर अत्याचार बढ़े हैं।
अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आह्वान किया
उन्होंने कहा कि दक्षिणपंथी ताकतें देश में लोकतांत्रिक संस्थानों को नष्ट करने पर तुली हुई हैं और लोकतंत्र को बचाने के लिए विपक्षी राजनीतिक दलों (Political parties) की जरूरत है और इसलिए सिन्हा की उम्मीदवारी को अपना समर्थन दें। उन्होंने कहा कि यह देश के लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव एक वैचारिक लड़ाई है और YSR कांग्रेस और बीजू जनता दल से द्रौपदी मुर्मू की उम्मीदवारी का समर्थन करने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आह्वान किया।
VCK के संस्थापक नेता ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव देश में लोकतंत्र, संविधान और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए एक वैचारिक लड़ाई का एक अवसर है और उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से विपक्ष के आम उम्मीदवार यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) को चुनाव में समर्थन देने की अपील की।