देहरादून: उत्तराखंड में अग्निपथ (Agneepath) को लेकर विरोध जारी है। योजना के विरोध में शुक्रवार सुबह हल्द्वानी में तिरंगा लेकर सड़कों पर उतरे युवाओं पर पुलिस ने लाठियां फटकारीं।
कई अधिकारियों के साथ भारी पुलिस बल मौके पर मौजूद है। सरकार के विरोध में नारेबाजी करते हुए युवाओं ने तिकोनिया पर जाम लगाया।
इस बीच प्रदर्शनकारियों (Protesters) और प्रशासन के बीच तीखी बहस हुई। युवाओं के भारी विरोध के चलते पूरे शहर में भारी फोर्स तैनात की गई है।
ड्रोन से नजर रखी जा रही है। इससे पहले गुरुवार को पिथौरागढ़ में सेना भर्ती को लेकर केंद्र सरकार की ओर से पेश की गई। अग्निपथ योजना के खिलाफ युवा सड़कों पर उतर आए थे।
उन्होंने केंद्र सरकार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के खिलाफ जमकर नारे लगाकर प्रदर्शन कर सरकार का पुतला दहन किया।
सिल्थाम तिराहे में जाम के बाद बैंक रोड, धारचूला रोड, टनकपुर रोड पर 500 से ज्यादा वाहन एक घंटे से अधिक समय तक फंस गए थे।
पुलिस ने लाठियां फटकारी तो भगदड़ मच गई। एनएच जाम करने पर पुलिस ने 12 नामजद समेत 70 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
संविदा भर्ती वाले युवाओं को सेना में कोई रैंक नहीं मिलेगी
पिथौरागढ़ के युवा मोहित का कहना है कि दो साल पूर्व जो सेना भर्ती (Army Recruitment) कराई थी । उसमें उत्तराखंड के युवाओं ने भी हिस्सा लिया था।
दो साल होने के बाद भी लिखित परीक्षा नहीं कराई गई है। मोदी सरकार का फरमान गलत है। वहीं युवा सूरज ने कहा कि मोदी सरकार सेना भर्ती को अपनी प्रयोगशाला बना कर भारतीय सेनाओं की गरिमा और साहस की परंपरा के साथ खिलवाड़ कर रही है जिसके विरोध में युवा बेरोजगार सड़कों पर उतर आए हैं।
जिलाध्यक्ष कांग्रेस पिथौरागढ़ त्रिलोक महर ने कहा कि सेना में नियमित भर्ती की जगह चार साल के लिए संविदा भर्ती से देश की सुरक्षा के लिए उचित संदेश नहीं है।
संविदा भर्ती वाले युवाओं को सेना में कोई रैंक नहीं मिलेगी और न ही कोई पेंशन। अग्निवीरों (Fire Fighters) के भविष्य के लिए कोई योजना और रूपरेखा भी मोदी सरकार के पास नहीं है।