मुंबई: सामाजिक कार्यकर्ताओं और सिविल सोसाइटी के सदस्यों के एक समूह ने सोमवार को बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay high court) में जनहित याचिका दायर की है कि कोर्ट शिवसेना के बागी मंत्रियों और विधायकों को महाराष्ट्र वापस लौटकर कत्र्तव्य वहन करने का निर्देश दे।
विभिन्न क्षेत्रों की प्रमुख हस्तियों वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं के इस समूह की ओर से वकील असीम सरोदे (Aseem Sarode) ने याचिका दायर की है।
उन्होंने अदालत से आग्रह किया है कि अनौपचारिक छुट्टी पर अन्य बागी विधायकों के साथ गए एकनाथ शिंदे को अन्य मंत्रियों के साथ राज्य में लौटने और अपने कर्तव्यों का प्रभार ग्रहण करने का निर्देश दिया जाए।
जनहित याचिका में शिंदे के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की भी मांग की गई है। शिंदे तथा अन्य मंत्रियों पर कर्तव्य में चूक और नैतिक गलतियां करने का आरोप लगाया गया है।
महाराष्ट्र में सत्ता संघर्ष अपने चरम पर पहुंच गया
सरोदे ने IANS को बताया कि मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष जनहित याचिका दायर की गई है और जल्द ही इस पर सुनवाई शुरू होने की संभावना है।
याचिकाकर्ताओं के समूह में उत्पल बी. चंदावर, अभिजीत वी. घुले-पाटिल, नीलिमा मेधा के. कुलकर्णी, एस. वर्तक, हेमंत एम. कार्णिक, मनाली एम. गुप्ते और माधवी कुलकर्णी हैं।
याचिका में कहा गया है कि राज्य के लोग किस तरह उपेक्षित और नेतृत्वहीन महसूस कर रहे हैं, जो कई बार राजनीतिक ड्रामे (political drama) सिर्फ मूक रहते हैं। दो चुनावों के बीच जो कुछ होता है, उसे बदलने के लिए वे कुछ भी नहीं कर सकते हैं।
महाराष्ट्र में सत्ता संघर्ष अपने चरम पर पहुंच गया है, घटनाएं तेजी से सामने आ रही हैं और यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि इसका अंत कैसे होगा।
याचिका में कहा गया है, सरकार का गठन एक सकारात्मक कार्रवाई है, जबकि उठापटक करके सरकार को गिराने की स्थिति पैदा करना आम नागरिकों के लिए एक निश्चित सार्वजनिक उपद्रव का मुद्दा है। नागरिकों को राजनीति (Politics) के नाम पर बकवास बर्दाश्त करने के लिए क्यों मजबूर किया जाना चाहिए।