रामगढ़: जिले में बिजली कटौती की समस्या से जनता हलकान हो गई है। कहने को तो कोयलांचल क्षेत्र में 20 से 22 घंटे की बिजली आपूर्ति करने का दावा बिजली विभाग करता है।
लेकिन वर्तमान परिस्थिति में लोगों को 10 से 12 घंटे ही बिजली मिल पा रही है।
सबसे बड़ी समस्या डीवीसी और झारखंड बिजली बोर्ड के बीच सही तालमेल नहीं होने से व्यापारी वर्ग और छात्र दोनों ही परेशान हैं।
रामगढ़ जिले में डीवीसी 4 घंटे की बिजली कटौती हर दिन कर रहा है।
लेकिन झारखंड बिजली बोर्ड भी लोगों की समस्या दूर करने की नियत नहीं रख रहा है।
जिले में लगभग 8 घंटे बिजली कटौती सिर्फ बिजली बोर्ड के अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही की वजह से हो रही है।
बिजली बोर्ड के अधिकारी इस कटौती को मेंटेनेंस का नाम दे रहे हैं।
लेकिन हकीकत यह है कि जब रिनोवेशन का कोई काम नहीं होता है, तब भी बिजली गुल ही रहती है।
कोविड-19 के दौर में सभी शैक्षणिक संस्थान छात्रों को ऑनलाइन ही पढ़ा रहे हैं। लेकिन बिजली कटौती की वजह से छात्र अपने क्लास को भी अटेंड नहीं कर पा रहे हैं।
डीवीसी सुबह और शाम बिजली कटौती कर रहा है। लेकिन सुबह कितने बजे बिजली कटेगी इसका अंदाजा लोगों को नहीं रहता है।
एक बाहर बिजली गुल हुई तो वह फिर चार-पांच घंटे के बाद ही आती है।
इससे स्पष्ट है कि झारखंड बिजली बोर्ड भी लगातार बिजली कटौती अपने स्तर पर कर रहा है।
आजसू करेगा आंदोलन का ऐलान, अधिकारियों को सौंपा ज्ञापन
लोगों की समस्या को दूर करने के लिए आजसू पार्टी आंदोलन का ऐलान कर सकती है।
मंगलवार को पार्टी के जिला प्रवक्ता सुरेंद्र महतो ने बयान जारी कर कहा कि बुधवार को डीवीसी के सुपरीटेंडेंट इंजीनियर और बिजली बोर्ड के अधिकारियों को पत्र सौंपेंगे।
अगर तय सीमा के अंदर बिजली कटौती की समस्या दूर नहीं की गई तो पार्टी नेता सड़क पर उतरेंगे।
डीवीसी से 4 घंटे काट रहा है बिजली
बीबीसी के सुपरीटेंडेंट इंजीनियर अनुज कुमार ने बताया कि डीवीसी सिर्फ 4 घंटे बिजली कटौती कर रहा है।
2 घंटे सुबह और 2 घंटे शाम को बिजली कटौती हो रही है। बिजली कटौती का समय निर्धारित नहीं होता है।
कोलकाता हेड क्वार्टर से जब निर्देश आता है तो उसी वक्त 2 घंटे के लिए बिजली काट दी जाती है। उन्होंने बताया कि झारखंड सरकार पर डीवीसी का 4900 करोड़ का बकाया है।
जब तक यह बकाया नहीं चुकता है, तब तक हर हफ्ते बिजली कटौती में 10 फीसदी का इजाफा करना है।
मेंटेनेंस के दौरान काटी जा रही है बिजली
बिजली बोर्ड की एक्सक्यूटिव इंजीनियर सोनाराम सोरेन ने बताया कि जिले में बिजली का केबल बिछाया जा रहा है।
अंडरग्राउंड वायरिंग के साथ-साथ बिजली के खंभों पर लगे पुराने तारों को भी बदला जा रहा है। इसलिए बिजली की कटौती की जा रही है।