चंडीगढ़: पंजाब पुलिस की एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स ने रविवार को मोस्ट वांटेड आतंकवादी और बब्बर खालसा इंटरनेशनल माड्यूल के सक्रिय सदस्य चरनजीत सिंह उर्फ पटियालवी को गिरफ्तार किया।
वह पिछले 12 साल से अलग-अलग पहचान और ठिकाने बदलकर गिरफ्तारी से बच रहा था।
एजीटीएफ के डीआईजी गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने रविवार को पत्रकारों को बताया कि पटियाला के गांव बूटा सिंह वाला निवासी चरनजीत पटियालवी को थाना माछीवाड़ा में दर्ज एक मामले में 2010 में भगोड़ा करार दिया गया था।
पटियालवी के एक अन्य साथी मृतक आतंकवादी गुरमेल सिंह बोबा को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था और उसके पास से डेटोनेटर और आरडीएक्स की बरामदगी हुई थी।
भुल्लर ने बताया कि एआईजी एजीटीएफ गुरमीत सिंह चौहान और डीएसपी एजीटीऐफ बिक्रमजीत सिंह बराड़ के नेतृत्व में टीमों ने पटियालवी को डेरा बस्सी के गांव लैहली के गुरुद्वारे के निकट से गिरफ्तार किया है।
भुल्लर ने कहा कि पटियालवी ग्रंथी का भेष धारण करके इस समय पश्चिमी बंगाल के खडग़पुर स्थित गुरुद्वारा में रह रहा था। वह पुलिस से बचने के लिए किसी भी संचार साधन का प्रयोग नहीं कर रहा था।
उसके कब्जे में से पश्चिमी बंगाल के पते वाले अलग-अलग पहचान पत्र बरामद किये गए हैं। भुल्लर ने कहा कि अगली जांच की प्रक्रिया जारी है, इसके साथ अन्य गिरफ्तारियां और अहम खुलासे होने की आशा है।
हरियाणा-पंजाब के कई बम धमाकों में शामिल रहा है पटियालवी
डीआईजी भुल्लर ने बताया कि चरनजीत उर्फ पटियालवी बीकेआई आतंकवादी माड्यूल का सक्रिय सदस्य था। यह माड्यूल 2007 में लुधियाना के शिंगार सिनेमा बम धमाकों और 2010 में काली माता मंदिर, पटियाला और अंबाला में हुए बम धमाकों की साजिश में शामिल था।
पंजाब पुलिस ने इस आतंकी माड्यूल का 2010 में पर्दाफाश करके पटियालवी के बाकी सभी साथियों को गिरफ्तार कर लिया था, तभी से वह फरार था।