नई दिल्ली : नकली दवाओं (Fake Drugs) से बचने के लिए देश के प्रमुख 300 दवा ब्रांडों की पैकेजिंग पर क्यूआर कोड (QR Code) लगाना अनिवार्य कर दिया गया है।
1 अगस्त से दिखने वाले QR Code की मदद से नकली दवाओं (Fake Medicines) पर लगाम कसेगी और उनका पता भी आसानी से लग जाएगा।
इन बड़े ब्रांडो पर लगेगा QR Code
भारतीय दवा विनिर्माताओं के संगठन (IDMA) के राष्ट्रीय अध्यक्ष विरंची शाह (Viranchi Shah) ने कहा कि 1 अगस्त और उसके बाद बनने वाली इन 300 ब्रांडों की बैच में पैकेजिंग पर QR Code छपे होंगे।
सरकार के इस कदम का असर डोलो (Micro Labs), एलेग्रा (Sanofi), एस्थलिन (Cipla), ऑगमेंटिन (GSK), सेरिडॉन (Bayer Pharmaceuticals), लिम्सी (Abbott), कालपोल (GSK), कोरेक्स (Pfizer), थायरोनॉर्म (Abbott), अनवांटेड 72 (Mankind Pharma) जैसे लोकप्रिय दवा ब्रांडों पर पड़ेगा। इन ब्रांडों की दवा बहुत अधिक बिकती हैं और उन्हें सालाना कारोबार या सालाना बिक्री के आधार पर ही छांटा गया है।
अतिरिक्त छपाई के कारण दाम 5 से 7 फीसदी बढ़ जाएंगे
बड़ी दवा कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाले इंडियन फार्मास्युटिकल अलायंस (Indian Pharmaceutical Alliance) के महासचिव सुदर्शन जैन (Sudarshan Jain) ने कहा कि उद्योग इसके लिए तैयार है।
GSK के एक प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी इस बदलाव के लिए तैयार है और इसकी लागत को पहले ही शामिल कर लिया गया है। देश की सबसे बड़ी दवा निर्माता कंपनी सन फार्मास्युटिकल्स (Pharmaceutical) ने भी इसके लिए तैयार होने की बात कही।
मगर उद्योग सूत्रों ने कहा कि अतिरिक्त छपाई के कारण दाम 5 से 7 फीसदी बढ़ जाएंगे और इसकी वजह से बैच तैयार होने में भी देर हो सकती है।