नई दिल्ली: रूस-यूक्रेन जंग के बीच भारतीय वायु सेना 07 मार्च को जैसलमेर के पोकरण रेंज में ‘वायु शक्ति अभ्यास’ के दौरान अपनी ताकत का प्रदर्शन करेगी।
हर तीन साल में होने वाले इस अभ्यास में कुल 148 एयरक्राफ्ट शामिल होंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चुने गए लक्ष्यों को फाइटर जेट 500 से लेकर 1000 किलो तक के बम गिराकर टारगेट करेंगे।
फाइटर जेट राफेल सुपरसोनिक स्पीड में उड़ान भरते दिखाई देगा और एयर टू एयर मिसाइल से फायरिंग करेगा।
वायु सेना के वाइस चीफ एयर मार्शल संदीप सिंह ने कहा कि वायु शक्ति एक्सरसाइज सिर्फ एयरफोर्स की ताकत का ही प्रदर्शन नहीं करता है बल्कि यह हमारे लिए ऑपरेशनल ट्रेनिंग की भी डोज है।
इस अभ्यास के दौरान वास्तविक जैसे हालात तैयार करके ऑपरेशन को अंजाम दिया जाता है। वायु शक्ति अभ्यास में लड़ाकू विमान जगुआर, सुखोई-30, मिग-29, तेजस समेत कुल 148 एयरक्राफ्ट शामिल होंगे।
इसमें 18 नाल एयरबेस से, 29 एयरक्राफ्ट फलोदी एयरबेस, 46 जोधपुर, 30 जैसलमेर, 21 उतरलाई, 2 आगरा और 2 हिंडन एयरबेस से उड़ान भरेंगे।
इसमें 109 फाइटर जेट, 24 हेलीकॉप्टर, 7 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट होंगे। इस अभ्यास में परिवहन विमान सी-17 और सी-130 जे भी भाग लेंगे।
वायु सेना के इस अभ्यास में पहली बार अत्याधुनिक विमान राफेल भी शामिल होगा। अभ्यास के दौरान जगुआर फाइटर जेट रेकी करने का प्रदर्शन करने के साथ ही 1000 पाउंड का बम भी टारगेट पर गिराएगा।
फाइटर जेट राफेल सुपरसोनिक स्पीड में उड़ान भरते दिखाई देगा और एयर टू एयर मिसाइल फायर करेगा।
सुखोई-30 फाइटर जेट कॉम्बेट एयर पेट्रोलिंग करते दिखाई देंगे, जिसके बाद यह 1000 पाउंड और 100 किलो का बम टारगेट पर बरसाएंगे।
मिग-29 फाइटर जेट तय टारगेट पर 500 किलो का बम गिराकर उसे नेस्तनाबूद करेगा। लड़ाकू विमानों से गिराए जाने वाले बमों का निशाना कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनेंगे।
अधिकारी ने बताया कि वायु शक्ति अभ्यास में आकाश मिसाइल प्रणाली और स्पाइडर मिसाइल प्रणाली की क्षमताओं को भी दिखाया जाएगा।
इस वार गेम का सेंट्रल प्वाइंट जोधपुर एयरबेस होगा, इसलिए यहीं से ज्यादातर प्लेन उड़ान भरेंगे। कुल दो सौ से ज्यादा उड़ानों में जोधपुर के अलावा अन्य जगह से आने वाले विमानों के लिए फायरिंग रेंज से पहले कुछ किलोमीटर पर हवा में ही होल्डिंग प्वाइंट दिए गए हैं।
इन सब का कंट्रोल भी हवा में तैरते हवाई चेतावनी और नियंत्रण प्रणाली अवाक्स से होगा, जो रडार लैस है। भारतीय वायुसेना हर तीन साल में पोकरण रेंज में वायु शक्ति अभ्यास करके अपनी तैयारी के हर पहलू का प्रदर्शन करती है। पिछली बार 2019 में यह अभ्यास हुआ था।
फायर पावर डिमॉन्स्ट्रेशन (एफपीडी) का यह दूसरा संस्करण है, जिसे 2013 और 2016 में ‘आयरन फिस्ट’ नाम से आयोजित किया गया था।
‘वायु शक्ति’ के नाम से 2019 में आयोजित हुए पहले संस्करण में वायुसेना के 140 से अधिक विमानों ने हिस्सा लिया था।
इसमें सुखोई-30एमकेआई, मिग-29यूपीजी, जगुआर, एलसीए तेजस आदि जैसे फास्ट-मूवर फाइटर जेट से लेकर एमआई-17 जैसे धीमे लेकिन घातक हेलीकॉप्टर शामिल थे।
इसके अलावा पैराट्रूपर्स और यूटिलिटी हेलीकॉप्टरों को शामिल करने वाले समन्वित मिशनों को भी अंजाम दिया गया था।
इस तरह के आयोजन हमेशा सेनाओं का मनोबल बढ़ाने का कार्य करते हैं, क्योंकि इससे सेनाओं की परिचालन, तत्परता का प्रभावी मूल्यांकन किया जाता है। इसमें दर्जनों राजनयिक और विदेशी अधिकारियों के भी शामिल होने की उम्मीद है।