जमशेदपुर/ रांची : आज के निर्दलीय विधायक सरयू राय (Saryu Rai) साल 2016 में रघुवर सरकार (Raghuvar Sarkar) के कार्यकाल में कैबिनेट मंत्री (Cabinet Minister) थे।
उस समय स्थापना दिवस पर प्रभात फेरी के आयोजन के दौरान बच्चों में टी-शर्ट (T-shirt) और टॉफी (Toffee) वितरण घोटाले को वह आज जोर-शोर से उठा रहे हैं।
इस मामले में वर्तमान हेमंत सोरेन (Hemant Soren) सरकार को भी कटघरे में खड़ा कर रहे हैं।
उनका साफ कहना है कि वर्ष 2016 में स्थापना दिवस में बच्चों में बीच टी-शर्ट और टॉफी वितरण के नाम पर तत्कालीन रघुवर सरकार में जो भ्रष्टाचार (Corruption) हुआ, उसकी परतें अब खुलने लगी हैं।
अरूप चटर्जी और प्रदीप यादव ने विधानसभा में उठाया था सवाल
रघुवर सरकार (Raghuvar Sarkar) के कार्यकाल में ही विपक्ष के विधायक अरूप चटर्जी और प्रदीप यादव ने इस संबंध में सवाल पूछे थे।
तत्कालीन संसदीय कार्यमंत्री सरयू राय को सरकार की ओर से जवाब देना था।
उस प्रकरण की जानकारी देते हुए सरयू राय ने बताया कि सरकार की ओर से जो उत्तर आया, उससे वह संतुष्ट नहीं थे।
सही जवाब अधिकारियों से मांगा गया था लेकिन बाद में फाइल ही बंद कर दी गई। हेमंत सोरेन सरकार में भी वह फाइल बंद ही है।
राय ने कहा कि सरकार की ही रिपोर्ट है कि 13 और 14 नवंबर को टी-शर्ट व टॉफी की आपूर्ति हुई. ऐसे में अगले ही दिन 15 नवंबर की सुबह तक राज्यभर के स्कूलों में इन्हें कैसे पहुंचाया जा सकता है?
15 नवंबर की सुबह ही बच्चों को प्रभात फेरी निकालनी थी, जिसमें ये टी-शर्ट उन्हें पहनने को देने की बात कही गयी है।
निर्दलीय विधायक के रुप में खुद उठाया सवाल
सरयू राय ने कहा कि जब वह खुद निर्दलीय विधायक बने, तो इस मामले को लेकर तीन-तीन बार सवाल किए।
सरकार की ओर से भ्रामक और अधूरे जवाब मिले। मामले को अनागत प्रश्न समिति में भेजा गया।
इसमें सभापति रामचंद्र चंद्रवंशी और सदस्य नीरा यादव सहित BJP के चार विधायक थे।
कमेटी ने भी माना था कि टी-शर्ट और टॉफी वितरण में अनियमितता हुई है।
5:30 करोड़ की लागत में घपलेबाजी
टॉफी वितरण की जिम्मेदारी रांची के तत्कालीन डीसी मनोज कुमार को दी गई DC ने कम समय में टेंडर करा पाने पर असमर्थता जताउ, तो नॉमिनेशन पर काम देने की बात हुई।
राय ने आरोप लगाया कि तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास के PS अंजन सरकार, पवन अग्रवाल और OSD राकेश चौधरी ने DC को प्रभावित कर जमशेदपुर के लोगों को काम दिलाया।
प्रकाश शर्मा नाम के एक व्यक्ति ने लुधियाना के कुडूक फेब्रिक्स से टी-शर्ट सप्लाई कराने की बात कही।
जमशेदपुर की एक छोटी सी दुकान के संचालक लाला इंटरप्राइजेज से टॉफी की सप्लाई दिखाई गई। 5.5 करोड़ की लागत आई थी। इसमें घपलेबाजी की गई थी।