भारत

राजस्थान सरकार ने शहरी रोजगार योजना के लिए दिशानिर्देश को दी मंजूरी

गहलोत ने 100 दिनों के लिए रोजगार देने की घोषणा की थी

जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) ने इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के क्रियान्वयन के लिए नए दिशा-निदेशरें को मंजूरी दे दी है।

गहलोत ने कहा है कि स्थानीय निकाय क्षेत्र में रहने वाले 18 वर्ष से 60 वर्ष की आयु के सदस्य का जन आधार कार्ड के आधार पर पंजीयन किया जाएगा।

उन्होंने आगे कहा, योजना में अनुमत कार्य करवाने के लिए राज्य/जिला/निकाय स्तर पर समितियों के माध्यम से कार्य स्वीकृत एवं निष्पादित कराया जाएगा।

गहलोत ने कहा कि सामान्य कार्य स्वीकृत एवं निष्पादित कराने की सामग्री लागत और पारिश्रमिक लागत का अनुपात 25:75 होगा। वहीं विशेष प्रकृति के कार्यों हेतु सामग्री लागत और पारिश्रमिक भुगतान का अनुपात 75:25 होगा।

अपने बयान में उन्होंने आगे कहा कि मनरेगा के तहत 15 दिनों के अंदर मजदूरों के बैंक खातों में कार्यों का भुगतान कर दिया जाएगा।

राज्य सरकार हर साल 800 करोड़ रुपये खर्च करेगी

गहलोत ने कहा कि इसके अलावा योजना में शिकायतों के निवारण एवं सोशल ऑडिटिंग के प्रावधान के साथ-साथ श्रमिकों को कार्यस्थल पर सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।

उन्होंने कहा कि योजना को चलाने के लिए स्थानीय निकाय विभाग या निकाय के स्तर पर एक योजना पर काम किया जाएगा, जिसमें विभिन्न अधिकारियों/कर्मियों को प्रतिनियुक्ति/संविदा पर नियुक्त किया जाएगा।

आपको बता दें कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी। उसी तर्ज पर यह योजना शहरी क्षेत्रों में रोजगार प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई है।

गहलोत ने राज्य के बजट 2022-23 में इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के तहत शहरी क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों को प्रति वर्ष 100 दिनों के लिए रोजगार देने की घोषणा की थी।

इस महत्वाकांक्षी योजना पर राज्य सरकार हर साल 800 करोड़ रुपये खर्च करेगी।

Back to top button
Close

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker