रायगढ़ : नितिन चंद्रकांत देसाई (Nitin Chandrakant Desai) आत्महत्या मामले में रायगढ़ पुलिस की FIR में एडलवाइस एआरसी (Edelweiss ARC) के अधिकारियों पर धारा 138 (चेक बाउंस होने), EOW, NCLT और DRT की धमकियों से मशहूर कला निर्देशक को डराने और उनका खालापुर में स्थित एन.डी. आर्ट वर्ल्ड प्रा. लिमिटेड स्टूडियो (N D. Art World Pvt. Limited Studio) हथियाने का प्रयास करने का आरोप लगाया गया है।
बता दें कि प्रसिद्ध कला निर्देशक ने दो अगस्त की सुबह अपने प्रिय स्टूडियो में से एक में अपना जीवन समाप्त कर लिया था। इससे मनोरंजन और राजनीतिक जगत स्तब्ध रह गया।
किन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज
देसाई की विधवा, नेहा सी. देसाई (Neha C. Desai) की शिकायत के आधार पर Edelweiss ARC के प्रबंध निदेशक और CEO आर.के. बंंसल (R.K. Bansal), गैर कार्यकारी निदेशक रमेश शाह, स्थित शाह, केयूूर मेहता और जीतेंद्र कोठारी के खिलाफ FIR दर्ज किया गया है।
अपने पति द्वारा वकील वृंदा विचारे के लिए छोड़ी गई एक रिकॉर्डिंग का हवाला देते हुए, देसाई ने बताया था कि कैसे 2-3 निवेशक स्टूडियो में निवेश करने के लिए तैयार थे, लेकिन एडलवाइस और उसके प्रमुखों ने ‘बकाया राशि दोगुनी-तिगुनी’ करने की मांग की और उन पर विभिन्न तरीकों से दबाव डाला।
क्या था रिकॉर्डिंग में
FIR में उद्धृत रिकॉर्डिंग में हताश देसाई ने कहा, “स्मित शाह, केयूर और बंसल ने अपने स्वार्थी उद्देश्यों के लिए मेरे स्टूडियो को लूट लिया हैै, उन्होंने मेरे प्रस्तावों को स्वीकार नहीं कियाा, मुझे फंसाने की कोशिश की।”
FIR के अनुसार, “या लोकाणि माझी वात लवली आहे…” (इन लोगों ने मुझे नष्ट कर दिया है)”, ये देसाई के शब्द थे, उन्होंने कहा कि “इन राक्षसों ने उन्हें धमकी दी, दबाव डाला”, उन्हें अपना प्रमुख कार्यालय बेचने के लिए मजबूर किया, और उन्हें खत्म करने की साजिश रची।
FIR में कहा गया है कि स्टूडियो 2004 में खालापुर, रायगढ़ में स्थापित किया गया था, और जल्द ही फिल्मों, टेलीसीरियल (Teleserial) के लिए एक लोकप्रिय शूटिंग स्थल बन गया और उनकी प्रसिद्धि बढ़ गई।
देसाई ने लिया था 185 करोड़ का ऋण
2016 के आसपास, ECL के राशेष शाह एक निवेश प्रस्ताव लेकर आए, मीठी-मीठी बातें कीं और उन्हें स्टूडियो विकसित करने के लिए बड़े सपनों का लालच दिया और तदनुसार, संपत्ति गिरवी रखने के विरुद्ध देसाई को नवंबर 2016 में 150 करोड़ रुपये और फरवरी 2018 में 35 करोड़ रुपये ऋण (Loan) मिले।
EMI का भुगतान करने के लिए भारी दबाव
नेहा देसाई (Neha Desai) ने कहा कि हालांकि वह नियमित रूप से अपनी ECL का भुगतान कर रहे थे, अप्रैल 2019 में, एडलवाइस के अधिकारियों ने अचानक मई-अक्टूबर 2019 से छह महीने की अग्रिम EMI का भुगतान करने के लिए उन पर भारी दबाव डाला।
देसाई ने पवई के हीरानंदानी कॉम्प्लेक्स (Hiranandani Complex) में स्थित अपना मुख्य कार्यालय बेच दिया और ऋणदाता की मांगों को पूरा किया, और बाद में फरवरी 2020 तक नियमित रूप से ईएमआई का भुगतान करना जारी रखा।
Covid -19 ने दिया बड़ा झटका
फिर Covid -19 महामारी लॉकडाउन श्रृंखला आई, स्टूडियो में काम पूरी तरह से रुक गया और देसाई को अपने ऋण/EMI चुकाने में देरी हुई।
नेहा ने शिकायत में कहा, “फिर भी, मेरे पति ने One Time Settlement करने और एडलवाइस ऋण चुकाने के लिए तत्परता व्यक्त की, लेकिन कंपनी के अधिकारियों ने कोई जवाब नहीं दिया और इसके बजाय कार्रवाई की धमकी देते हुए कानूनी नोटिस भेज दिया।”
नेहा ने कहा, उन्होंने और उनके परिवार ने बाहरी निवेशकों को भी शामिल करने का प्रयास किया, लेकिन एडलवाइस के अधिकारियों ने निवेशकों को स्टूडियो में कदम रखने की भी अनुमति नहीं दी, “और ऐसा प्रतीत हुआ कि वे हमारी संपत्ति हड़पना चाहते थे”, इससे देसाई पर बहुत दबाव पड़ा।
देसाई को हुआ 100 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान
देसाई ने ऋण के पुनर्गठन या वन टाइम सेटलमेंट की गुहार लगाई, लेकिन वे इससे दूर रहे और उन्हें सूचित किए बिना, उन्होंने ऋण चेक ‘बाउंस’ (Check Bounce) का मामला बना दिया और संबंधित कानूनों के तहत उन्हें नोटिस थमा दिया।
नेहा ने कहा वे स्मित शाह से मिलने के लिए उनके कलिना, सांताक्रूज पूर्व कार्यालय में पहुंचे, लेकिन वे केवल आश्वासन देते रहे, और राशेष शाह को बार-बार फोन करने पर भी अस्पष्ट प्रतिक्रिया मिली।
नेहा ने कहा, “संकट के कारण, नितिन देसाई गुमसुम हो गए थे, परिवार के सदस्यों से बात नहीं करते थे, चिड़चिड़े रहते थे, और एक बार जब वह और मैं अकेले थे, तो उन्होंने रोते हुए कहा कि अब जीना असंभव है, उन्हें 100 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।”
किसके दबाव में काम कर रहा था देसाई
25 जुलाई, 2023 को, NCLT ने देसाई और उनकी कंपनी और बाद में वकील के खिलाफ दिवाला समाधान कार्यवाही शुरू की। विचारे और स्टूडियो के कर्मचारियों ने उन्हें सूचित किया कि NCLT के कोठारी 29 जुलाई को संपत्ति पर नियंत्रण लेने के लिए बाउंसरों के साथ स्टूडियो पहुंचेंगे।
देसाई ने अपनी रिकॉर्डिंग में कहा कि इस मामले में एनसीएलटी प्रशासक के रूप में कार्य करने के बजाय, “कोठारी एडलवाइस (Kothari Edelweiss) के दबाव में काम कर रहे थे”, और वे स्टूडियो पर कब्जा करना चाहते थे और व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए इसका फायदा उठाना चाहते थे।