झारखंड

झारखंड हाई कोर्ट में रांची DC, DLAO और भूमि संरक्षण विभाग के निदेशक हुए हाजिर

रांची: झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) के न्यायमूर्ति (Justice) राजेश शंकर की कोर्ट में शुक्रवार को जमीन मुआवजा (Land Compensation) से जुड़े शहनाज खातून की अवमानना याचिका की सुनवाई पर हुई।

मामले में रांची DC राहुल कुमार सिन्हा, डिस्ट्रिक्ट लैंड एक्विजिशन ऑफिसर (DLAO) अंजना दास और डायरेक्टर, भूमि संरक्षण विभाग कोर्ट (Land Conservation Department Court) में सशरीर हाजिर हुए।

कोर्ट ने उनसे मौखिक कहा कि कई वर्ष बीत गए कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया है, क्यों नहीं उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाए।

मामले में राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता मनोज कुमार ने कोर्ट से एक माह का समय मांगा। कहा कि हाई कोर्ट की खंडपीठ के आदेश को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में चुनौती दी गई है, जहां वह विचाराधीन है।

कोर्ट ने मामले की सुनवाई तीन फरवरी निर्धारित की। याचिकाकर्ता (Petitioner) की ओर से अधिवक्ता कुमार हर्ष ने पैरवी की।

झारखंड हाई कोर्ट में रांची DC, DLAO और भूमि संरक्षण विभाग के निदेशक हुए हाजिर

 

सरकार पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाते हुए याचिका खारिज

उल्लेखनीय है कि कांके के राहे गांव में करीब 1.17 एकड़ गैरमजरूआ जमीन को उसके मालिक को बगैर सूचित किए और उससे अनुमति लिए बिना सरकार के कृषि विभाग की ओर से वहां तालाब बनवाया गया, जिसके खिलाफ याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट (HC) में रिट याचिका दाखिल कर विस्थापन का मुद्दा उठाया था।

हाई कोर्ट (HC) की एकल पीठ ने वर्ष 2018 में कहा कि चुकि इस जमीन पर तालाब बन चुका है। इसमें पब्लिक फंड (Public Fund) जुड़ा है।

इसलिए उस जमीन पर मालिक को पुनः स्थापित नहीं किया जा सकता है लेकिन जमीन अधिग्रहण की अधिनियम के अंतर्गत जमीन मालिक को मुआवजा (Compensation) दिया जाए।

इसके खिलाफ राज्य सरकार ने HC की खंडपीठ में अपील दाखिल की, जिस पर हाई कोर्ट की खंडपीठ ने सरकार पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाते हुए याचिका खारिज कर दी।

Back to top button
Close

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker