रांची: मेयर आशा लकड़ा ने शनिवार को अभियंत्रण शाखा से संबंधित कार्यों की समीक्षा की। बैठक में मेयर ने हाल ही में समाचारपत्रों में प्रकाशित कार्यपालक अभियंता रमेश सिंह से संबंधित मामलों की जानकारी मांगी, तो उप नगर आयुक्त एवं अधीक्षण अभियंता चुप्पी साधे रहे। उनके पास कोई जवाब नहीं था।
मेयर ने उनसे यह भी कहा कि एक ही संवेदक को बार-बार बड़ी योजनाओं का ठेका दिया जा रहा है, जबकि 25 लाख से नीचे की योजनाओं का न तो सीएस तैयार किया जा रहा है और न ही टेंडर प्रकिया पूरी की गयी। पिछले छह माह से ऐसी कई योजनाएं लंबित हैं, जो 25 लाख रुपये से नीचे की हैं।
मेयर ने कहा कि कांके रोड में सड़क निर्माण का कार्य दो वर्ष बाद भी शुरू नहीं हुआ, जबकि संबंधित रोड का टेंडर फाइनल हो चुका है। मेयर ने कहा कि रांची नगर निगम में लालफीताशाही है। अधिकारी अपनी मनमानी कर रहे हैं।
खासकर बड़ी योजना के टेंडर में कई प्रकार की गड़बड़ियां की गयी हैं। अधीक्षण अभियंता एवं उप नगर आयुक्त भी इन गड़बड़ियों पर मौन हैं। इससे यह स्पष्ट है कि रांची नगर निगम की अभियंत्रण शाखा में बड़े पैमाने पर घपला-घोटाला किया गया है।
उन्होंने कहा कि नगर आयुक्त को पत्र लिखकर इन मामलों की जांच कराने का निर्देश दिया जायेगा। साथ ही राज्य सरकार को भी इस मामले की जानकारी दी जायेगी, ताकि अभियंत्रण शाखा में की जा रहीं गड़बड़ियों की जांच कर दोषी अधिकारियों पर उचित कार्रवाई की जा सके।
मेयर ने कहा कि मुख्य अभियंता राजदेव सिंह एवं कार्यपालक अभियंता रमेश सिंह समीक्षा बैठक में नहीं आये। इससे यह स्पष्ट है कि संबंधित अधिकारी अपनी गलती को छिपाने का प्रयास कर रहे हैं।
मेयर ने उप नगर आयुक्त एवं अधीक्षण अभियंता को निर्देश देते हुए कहा कि तीन दिनों के अंदर संबंधित मामलों पर स्पष्टीकरण दें। उन्होंने अभियंत्रण शाखा के अधिकारियों से यह भी कहा कि अभियंत्रण शाखा से संबंधित फाइल किसी के पास तीन दिन से अधिक न रहे। जिन्हें संबंधित कार्य पर आपत्ति हो, तो वे अपनी टिप्पणी कर फाइल को आगे बढ़ायें।
उन्होंने यह भी कहा कि अधिकारी जनप्रतिनिधियों के साथ समन्वय स्थापित कर कार्य नहीं कर रहे हैं, जिसके कारण आम लोगों की छोटी-छोटी समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है।