रांची : भाजपा की राष्ट्रीय मंत्री एवं रांची की निवर्तमान महापौर डॉ आशा लकड़ा (Dr Asha Lakda) ने कांग्रेस पार्टी पर जमकर हमला बोला।
आशा आदिवासी समाज और बाबूलाल मरांडी पर विधायक इरफान अंसारी (Irfan Ansari) द्वारा विधानसभा में दिए गए बयान पर गुरुवार को प्रेसवार्ता के माध्यम से प्रतिक्रिया दी।
आशा लकड़ा ने कहा…
आशा लकड़ा ने कहा कि झारखंड आदिवासियों के त्याग और बलिदान (Sacrifice and Sacrifice of Tribals) का प्रतिफल है लेकिन जामताड़ा से कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी आदिवासियों के प्रति ओछी सोच रखते हैं।
आदिवासी इतना तेज कैसे हो गए हैं हमको समझ नहीं आता’। विधायक इरफान अंसारी के इस बयान से पूरा आदिवासी समाज मर्माहत है। कांग्रेस पार्टी के DNA में ही जनजातीय समाज के प्रति विरोध है। झारखंड में अब तक आदिवासी समाज से चार मुख्यमंत्री चुने गए।
उन्होंने कहा कि वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी आदिवासी हैं। लेकिन वे आदिवासी को ‘बोका’ समझते हैं। उन्होंने कहा कि झारखंड का इतिहास गवाह है कि आदिवासियों ने विभिन्न क्षेत्रों में सफलता हासिल कर इस राज्य का नाम रोशन किया है।
आदिवासी समाज का गौरवशाली इतिहास रहा है। भगवान बिरसा मुंडा, चांद-भैरव, फूलो-झानो, सिदो-कान्हू, तिलका माझी जैसे महापुरुषों ने अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए। इरफान अंसारी पहले आदिवासियों के इतिहास को जाने।आदिवासी सरल, सहज व स्वाभिमानी हैं।
Congress और JMM न तो आदिवासियों के हितैषी थे और ना ही हो सकते हैं। ये आदिवासियों को सिर्फ वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल कर अपना हित साधते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के नेता ने प्रथम आदिवासी महिला राष्ट्रपति को भी अपने असंसदीय टिप्पणी से अपमानित किया।
उन्होंने कहा कि झारखंड को आदिवासियों ने अपने खून-पसीने से सींचा है। मैं भी आदिवासी हूं और मुझे आदिवासी होने पर गर्व है। यहां की मिट्टी ही मेरी पहचान और वजूद है।
हिंदू किसे वोट देंगे और किसे नहीं, यह तो वक्त ही बताएगा…
मैं आदिवासी समाज से आह्वान करती हूं कि आदिवासियों को नीचा दिखाने वालों को जड़ समेत उखाड़ कर फेंके, ताकि भविष्य में हमें कोई नीचा दिखाने की कोशिश न करे।
उन्होंने कहा कि विधायक इरफान अंसारी का यह बयान कि उन्हें हिंदू वोट नहीं देंगे, तब भी जीत जाएंगे। यह अहंकार नहीं तो और क्या है।
विधायक इरफान अंसारी जामताड़ा विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं या किसी वर्ग विशेष का। हिंदू किसे वोट देंगे और किसे नहीं, यह तो वक्त ही बताएगा। कहीं ऐसा न हो कि जिस पर भरोसा कर रहे कहीं वही धोखा न दे दें।