रांची: कुपोषण और एनिमिया को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत झारखंड समेत 15 राज्यों में पीडीएस दुकानों से फोर्टिफाइड चावल बांटने की योजना शुरू की है।
वित्तीय वर्ष 2023-24 से पूरे देश में इस योजना को लागू किया जाना है। झारखंड में भी इसको लेकर तैयारी की गयी है।
पहले चरण में कुपोषण से ज्यादा प्रभावित इलाकों में इसकी शुरुआत करने की योजना है।
फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के तहत खाद्य आपूर्ति विभाग ने पूर्वी सिंहभूम के धालभूमगढ़ और चाकुलिया प्रखंड की पीडीएस दुकान से फोर्टिफाइड चावल देने की शुरुआत की है।
इस योजना की मॉनिटरिंग के लिए राज्य स्तर पर प्रोजेक्ट मैनेजर और पूर्वी सिंहभूम में टेक्निकल सपोर्ट स्टाफ की नियुक्ति की जायेगी।
जेएसएफसी के निदेशालय ने इसको लेकर विज्ञापन निकाला है। फिलहाल इन दोनों पदों पर एक साल के लिए एक-एक व्यक्ति की नियुक्ति होगी। इसके लिए आवेदन मांगे गये हैं। यह दोनों पद अनारक्षित है।
फोर्टिफाइड राइस पोषणयुक्त चावल होता है। इसमें विटामिन के साथ आयरन और फोलिक एसिड जैसे पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में होते हैं, पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा होने से इसकी न्यूट्रिशनल वैल्यू काफी ज्यादा होती है,
फोर्टिफाइड राइस में आवश्यक पोषक तत्व, विटामिन व खनिज की मात्रा को कृत्रिम तरीके से बढ़ाया जाता है।
मैनेजर को प्रति माह डेढ़ लाख रुपये और टेक्निकल सपोर्ट स्टाफ को प्रतिमाह 30 हजार रुपये मानदेय दिया जायेगा।
फोर्टिफाइड राइस के फायदे रिसर्च के अनुसार, फोर्टिफाइड राइस के सेवन लोगों में कुपोषण दूर होता है।
इस तरह के चावल में पाये जाने वाले आयरन, जिंक, फोलिक एसिड, विटामिन ए, विटामिन बी वगैरह शरीर की न्यूट्रिशनल वैल्यू बढ़ा देते हैं।