रांची: केंद्रीय सरना समिति (Sarna Committee) के केंद्रीय अध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने कहा कि झारखंड सरकार आदिवासियों के साथ धोखेबाजी कर रही है।
तिर्की ने गुरुवार को कहा कि आदिवासियों के हित में लिए जाने वाले निर्णय जनजातीय मंत्रालय (Tribal Ministry) को झारखंड सरकार ने अल्पसंख्यक मंत्रालय के साथ जोड़ दिया है, ताकि आदिवासियों को मिलने वाला लाभ ईसाई, मुस्लिम और सिख सहित अन्य को मिले।
उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को लेकर गोडा के सांसद निशिकांत दुबे ने संसद में अवाज उठाकर सराहनीय कार्य किया है।
सातवीं अनुसूची के अनुसार लोक व्यवस्था राज्य सरकार का विषय है
मौके पर अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के अध्यक्ष सत्यनारायण लकड़ा ने कहा कि स्वर्गीय कार्तिक उरांव ने 60-70 दशक में धर्मांतरण पर लंबी बहस की थी।
बाद में सांसद स्व ललित उरांव ने इस विषय पर चर्चा की थी कि धर्मांतरण के जरीये ईसाई आदिवासियों का पूरा हक मार रहे थे।
सातवीं अनुसूची के अनुसार लोक व्यवस्था राज्य सरकार का विषय है। धर्म परिवर्तन पर राज्य सरकार उपयुक्त कानून बना सकती है।
इसके लिए राज्य सरकार सक्षम है। झारखंड को मिले इस अधिकार को राज्य सरकार दुरुपयोग कर रही है और आदिवासियों (Tribals) को बेवकूफ बना रही है।