रांची: झारखंड हाई कोर्ट ने मंगलवार को गोला के पूरबडीह मत्स्यजीवी सहयोग समिति के निबंधन को रद्द करने के मामले पर सहकारिता विभाग से जवाब मांगा है।
जस्टिस केपी देव की अदालत ने पूरबडीह मत्स्यजीवी सहयोग समिति की ओर से दायर याचिका की सुनवाई करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता की तरफ से मेमो संख्या 155, नौ जुलाई, 2011 को निबंधक सहयोग समितियों की ओर से की गयी कार्रवाई गलत है।
सहायक निबंधक ने पंचायत के सीमांकन के मामले को लेकर सहयोग समिति का निबंधन रद्द कर दिया था।
रीतेश कुमार गुप्ता की तरफ से सभी दस्तावेज निबंधन के लिए प्रस्तुत किये गये थे
सरकार की तरफ से बताया गया कि को-ऑपरेटिव सोसाइटीज एक्ट की धारा छह के तहत सहयोग समिति का निबंधन रद्द किया गया था, जिसमें एमेंडमेंट करना सहायक निबंधक के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है।
सुनवाई के दौरान सहायक निबंधक की तरफ से मामले में किसी भी तरह का दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया गया, जबकि याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि पूरबडीह मत्स्यजीवी सहयोग समिति के रीतेश कुमार गुप्ता की तरफ से सभी दस्तावेज निबंधन के लिए प्रस्तुत किये गये थे।