रांची: झारखंड सरकार के वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग और सेंटर फॉर एनवायरनमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (सीड) की ओर से सोमवार को सस्टेनबल पॉथवे फॉर फ्यूचर रेडी झारखंड विषय पर एक कांफ्रेंस का आयोजन किया गया।
कार्यशाला का उद्देश्य ग्लासगो सम्मेलन (2021) के परिप्रेक्ष्य में राज्य में सततशील विकास और पर्यावरण संतुलन से संबंधित भावी नीतियों एवं एक्शन प्लान पर विचार करना था।
मौके पर झारखंड के प्रधान मुख्य वन संरक्षक और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष एके रस्तोगी ने कहा कि यह कांफ्रेंस निश्चय ही हम सबके के लिए एक निर्णायक अवसर है।
जब झारखंड देश में सबसे पहले फ्यूचर रेडी इकोनॉमी के लिए नीतिगत कार्यक्रम निर्धारित करने की दिशा में अग्रणी हो रहा है।
हमें समावेशी विकास के लिए एक नया मॉडल बनाने और सततशील दृष्टिकोण की जरूरत है, जिसके केन्द्र में जनहित और पर्यावरण संरक्षण हो।
रस्तोगी ने बताया कि दुनिया भर में जीवाश्म ईंधन पर आधारित वर्तमान विकास मॉडल से नए बदलाव पर ठोस पहल हो रही है।
हमें प्रमुख क्षेत्रों जैसे कोयला, स्टील, सीमेंट आदि में सततशील मॉडल्स और स्वच्छ ऊर्जा तकनीकों को अधिकाधिक प्रोत्साहित करना चाहिए।
भारत सरकार के दिशा निर्देशों
राज्य में सस्टेनेबल ट्रांज़िशन की प्रक्रिया को गति प्रदान करने में वन एवं पर्यावरण विभाग बेहद सकारात्मक भूमिका निभाएगा।
सीसीएल के सीएमडी पीएम प्रसाद ने कहा कि कोयला उद्योग जगत राज्य में सस्टेनेबल ट्रांज़िशन की प्रक्रिया का सर्मथन करता है और नेट जीरो एमिशन की दिशा में आगे बढ़ने के लिए भारत सरकार के दिशा निर्देशों एवं कार्यकर्मों का अनुपालन करेगा।
इस अवसर पर सीड के सीईओ रमापति कुमार ने कहा कि वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा की गयी यह पहल सराहनीय है। यह समय की मांग भी है।