रांची: राजधानी रांची के कांके ब्लाक में रिनपास के पास सुपरस्पेशियलिटी कैंसर हॉस्पिटल बनाने का काम तेजी से चल रहा है।
बिल्डिंग के स्ट्रक्चर का काम अब अंतिम चरण में है। इसके बावजूद लोगों को कैंसर के इलाज के लिए फिलहाल इंतजार करना होगा।
चूंकि हॉस्पिटल में दी जाने वाली सुविधाओं के लिए अभी इक्विपमेंट्स और अन्य मशीनें इंस्टाल की जायेंगी। इसके ट्रायल करने के बाद ही वहां पर कैंसर मरीजों का इलाज शुरू कर दिया जायेगा।
हालांकि, हॉस्पिटल में ओपीडी सेवाएं बहाल करने को लेकर टाटा के अधिकारी सक्रिय हैं। इसका उद्घाटन 26 जनवरी को तय था लेकिन काम की रफ्तार को देखते हुए फिलहाल इस पर भी संशय बना हुआ है।
टाटा कैंसर हॉस्पिटल कोलकाता की तर्ज पर रांची के रिनपास में कैंसर हॉस्पिटल बनाने का काम तीन साल पहले शुरू किया गया था।
23.50 एकड़ जमीन पर निर्माण के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री ने इसकी आधारशिला रखी थी। इसके बाद फर्स्ट फेज में यहां पर 50 बेड का हॉस्पिटल चालू किया जायेगा, जिसमें कैंसर के मरीजों का इलाज होगा। इस हॉस्पिटल को कोलकाता व भुवनेश्वर कैंसर हॉस्पिटल से हैंड होल्ड सपोर्ट दिया जायेगा।
इससे मरीजों को इलाज के लिए कहीं और जाने की जरूरत न पड़े। एक ही छत के नीचे रेडियोथैरेपी, कीमोथेरेपी सहित अन्य सुविधाएं भी मिलेंगी।
पिछली सरकार ने कैंसर हॉस्पिटल के निर्माण के लिए एक रुपये टोकन मनी पर यह जमीन 30 साल के लिए लीज पर दी है।
चूंकि राज्य में करीब एक लाख लोग प्रति वर्ष कैंसर के शिकार होते हैं। इसमें 80 प्रतिशत की पहचान लास्ट स्टेज में होती है। अगर उनकी समय से पहचान हो जाये तो इलाज संभव है।
फिलहाल इलाज की नयी तकनीक नहीं होने के कारण मरीजों को बाहर जाना पड़ता है। इसमें काफी पैसे खर्च होते हैं।
अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अरुण कुमार सिंह से इस मामले में जब हॉस्पिटल के संचालन में बात की गयी तो उन्होंने साफ किया कि ऐसी कोई जानकारी फिलहाल हमारे पास नहीं आयी है।
हॉस्पिटल का संचालन अगर किया जायेगा तो इसकी लिखित जानकारी भी आयेगी। अभी इस मामले में कुछ भी कह पाना मुश्किल है।