HomeझारखंडRanchi University convocation : राज्यपाल ने 79 विद्यार्थियों को दिया Gold Medal

Ranchi University convocation : राज्यपाल ने 79 विद्यार्थियों को दिया Gold Medal

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रांची: रांची विश्वविद्यालय का 35वां दीक्षांत समारोह शुक्रवार को मोरहाबादी स्थित आर्यभट्ट सभागार में मनाया गया है।

समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में राज्यपाल रमेश बैस ने 79 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक दिया। इनमें एमए एन्थ्रोपोलोजी में मोनिका बेक, बंगाली में अनिता पॉल, इंग्लिश में इशिका सिंह, ज्योग्राफी में श्रेया कुमारी, उर्दू में मोहम्मद राशिद, हो में संजय गगराई, खड़िया में मणिजीत केरकेट्टा सहित अन्य शामिल हैं।

इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि शैक्षणिक रूप से जब सुसंस्कृत होने की प्रक्रिया पूरी हो जाती है तब दीक्षांत होता है लेकिन दीक्षांत केवल शिक्षा का अंत नहीं होता, बल्कि एक विद्यार्थी को यथार्थ जीवन में प्रवेश का मार्ग भी डेटा है। यहीं से आप शिक्षकों के सानिध्य और मार्गदर्शन ले कर खुद को साबित करने की राह पकड़ते हैं।

उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह का हिस्सा बन मैं यह देख पा रहा हूं कि अपने देश को प्रतिभाओं का गुलदस्ता मिल रहा है।

एक शिक्षक मोमबत्ती की तरह होता है जो खुद को जलाता है और विद्यार्थी के रूप में ऐसी रोशनी फैलता है जिससे समाज को उजाला मिलता है।

उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से रांची यूनिवर्सिटी राज्य कि सबसे पुरानी यूनिवर्सिटी है, जहां से पास आउट स्टूडेंट्स देश-दुनिया में अपनी प्रतिभा का डंका बजा रहे हैं लेकिन इतना ही काफी नहीं है।

हमें हमारे संस्थान को इन तरह से उन्नत बनाना है कि यहां की प्रतिभा दूसरे देश पर बेहतरीन आश्रित न हों। आज यह देखा जा रहा है कि हमारे राज्य और देश की प्रतिभा दूसरे देश उच्च शिक्षा के लिए जाना चाहते हैं।

दीक्षांत के इस मंच से में कहना चाहूंगा कि इस विवि को बेहतर से बेहतरीन बनाने में मेरी ओर से जिस तरह की मदद की आवश्यकता होगी वो मैं करूंगा।

इस अवसर पर रांची विवि की कुलपति डॉ कामिनी कुमार ने विश्वविद्यालय की उपलब्धि पर कहा कि रांची विवि में कई तरह के कोर्स कराये जाते हैं जो देश के गिने-चुने विश्वविद्यालय में कराया जाता है।

गाइडेंस एंड काउंसलिंग, यौगिक साइंस जैसे विषय इनमें से एक है। उन्होंने कहा स्टूडेंट्स ही विश्वविद्यालय के ब्रांड एम्बेसडर होते हैं।

स्टूडेंट्स की उपलब्धियां ही संस्थान की उपलब्धियां होती हैं। उन्होंने बताया कि लड़कियां खुद की उपस्थिति दर्ज करने में कहीं से पीछे नहीं है।

इसका बेहतरीन उदाहरण है कि आज मिलने वाले 79 गोल्ड मैडल में आधे से अधिक लड़कियां हैं।

इस अवसर पर कई विद्यार्थियों को डिग्री भी दी गयी। मौके पर कुलसचिव मुकुंद चंद्र मेहता, डॉ प्रीतम कुमार आदि उपस्थित थे।

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