रांची: झारखंड सरकार के उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के सचिव विनय कुमार चौबे (Vinay Kumar Choubey) ने कहा कि अलग राज्य बनने के बाद विभाग ने पहली बार एक माह में 188 करोड़ का राजस्व अर्जित किया है।
सरकार ने नई उत्पाद नीति को राज्य के बेहतरी के लिए पारदर्शी तरीके से लागू किया है। नई उत्पाद नीति को लागू करने में थोड़ी परेशानी जरूर हुई है लेकिन एक दो महीने में यह नीति पूरी तरह व्यवस्थित हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि जहां एमआरपी से ज्यादा कीमत पर शराब बेची जा रही है वैसे विक्रेताओं के खिलाफ विभाग एक्शन लिया जा रहा है।
कई जगहों पर वहां के दुकानदार निलंबित किए गए हैं। विभाग के हेल्पलाइन नंबर (Helpline number) पर इस तरह की कई शिकायतें आ चुकी है।
विनय कुमार चौबे बुधवार को उत्पाद विभाग के कौटिल्य सभागार (Kautilya Auditorium) में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे।
बियर के केवल एक ब्रांड उपलब्ध होने के सवाल पर उत्पाद सचिव ने कहा कि जहां निर्माता कंपनियां है, उसी राज्य में वहां की मांग को पूरी नहीं कर पा रही है।
इसके चलते यह समस्या उत्पन्न हुई है बहुत जल्द ही इसका भी समाधान होने जा रहा है। बोकारो में एक नया ब्रांड जल्द शुरू होने जा रहा है।
उन्होंने कहा कि पहले बिक्री पर राजस्व आता था। अब उठाव पर आ रहा है। यही वजह है कि रेवेन्यू (Revenue) बढ़ रहा है।
वर्तमान वित्तीय वर्ष में 2300 करोड़ रुपये राजस्व का लक्ष्य है। एक महीने विलंब से नई नीति लागू हुई है, उसके अनुसार राजस्व करीब 2220 करोड़ के आसपास होगा।
उन्होंने कहा कि अलग राज्य बनने के बाद अब तक का सबसे ज्यादा राजस्व वाला महीना फरवरी 2021 था। जब राज्य को 166 करोड़ का राजस्व मिला था।
लिकेज की संभावना लगभग खत्म हो जायेगी
यह रिकॉर्ड टूटा है। 22 करोड़ अधिक राजस्व विभाग ने दिया है। नई उत्पाद नीति जब 2017 के अगस्त महीने में लागू हुई थी तब पहले माह में केवल 23 करोड़ का राजस्व आया था।
इसके बाद अप्रैल 2019 में जब नई उत्पाद नीति लागू की गई तब पहले माह में 152 करोड़ रुपये का राजस्व आया था।
उन्होंने कहा कि मई महीने में कंट्री लीकर की समस्या आई थी लेकिन आगामी दस दिनों के अन्दर इस समस्या से निजात मिल जायेगी।
नियोजन नीति को लेकर उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर कमेटी गठित कर दी गयी है, जो सतत प्रक्रिया के बाद अर्हता पूरी करने वालों का नियोजन करेगी।
उत्पाद आयुक्त अमित कुमार ने जानकारी दी कि वर्तमान में कुल 1434 दुकानें सक्रिय हैं और बीते एक महीने में 49 दुकानों में ट्रैक एंड ट्रेस (Track and Trace) सिस्टम पायलट प्रोजेक्ट के रूप में रन कर रहा है।
उन्होंने बताया कि 1 जून से पांच जिलों रांची, जमशेदपुर, धनबाद, सरायकेला और बोकारो में भी ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम प्रारंभ किया जा रहा है। उक्त व्यवस्था लागू हो जाने से लिकेज की संभावना लगभग खत्म हो जायेगी।