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Realme के सह-संस्थापक माधव सेठ ने दीया इस्तीफा, अब शुरू करने जा रहे हैं ये काम

वे बीते 5 साल से कंपनी वाइस प्रेसिडेंट (Company Vice President) और इंटरनेशनल बिजनेस ग्रुप (International Business Group) के प्रेसिडेंट के पद पर कार्यरत थे

मुंबई: Realme के सह-संस्थापक माधव सेठ (Madhav Sheth) ने कंपनी से इस्तीफा दे दिया है।

वे बीते 5 साल से कंपनी वाइस प्रेसिडेंट (Company Vice President) और इंटरनेशनल बिजनेस ग्रुप (International Business Group) के प्रेसिडेंट के पद पर कार्यरत थे।

Realme को भारत में लॉन्च करने में माधव सेठ की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

सेठ कंपनी में सर्वोच्च भूमिका निभाने के साथ ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (Social Media Platform) पर काफी Active थे।

वे Realme के प्रोडक्ट को लेकर ग्राहकों से सीधे चर्चा करते थे। Twitter और दूसरे प्लेटफॉर्म पर उनकी लंबी फैन फॉलोइंग भी है।Realme के सह-संस्थापक माधव सेठ ने दीया इस्तीफा, अब शुरू करने जा रहे हैं ये काम Realme co-founder Madhav Seth resigns, now going to start this work

अब क्या करने जा रहे हैं माधव सेठ

सेठ ने अपनी आगे की Planning के बारे में भी खुलासा किया है। सेठ ने बताया कि वे निर्यात क्षेत्र में नया उद्यम शुरू करने जा रहे हैं।

इसी के सिलसिले में उन्होंने Realme से इस्तीफा दिया है। उनके इस्तीफे के बाद कंपनी के संस्थापक स्काई ली कंपनी के भारतीय कारोबार की अतिरिक्त जिम्मेदारी भी संभालेंगे।

सेठ रियलमी के उपाध्यक्ष और रियलमी इंटरनेशनल बिजनेस ग्रुप (Realme International Business Group) के अध्यक्ष के तौर पर कार्यरत थे।

रियलमी चीनी स्मार्ट उपकरण निर्माता समूह BBK इलेक्ट्रॉनिक्स (BBK Electronics) की अनुषंगी कंपनी है।Realme के सह-संस्थापक माधव सेठ ने दीया इस्तीफा, अब शुरू करने जा रहे हैं ये काम Realme co-founder Madhav Seth resigns, now going to start this work

सेठ ने ट्विटर पर लिखा ये संदेश

सेठ ने Social Media मंच पर बुधवार को जारी अपने संदेश में कहा, “अलविदा बोलना निराशाजनक हो सकता है, लेकिन जब तक हम दोबारा नहीं मिलते तब तक दुनिया बहुत छोटी है।

अभी के लिए अलविदा, लेकिन हमारे रास्ते जल्द ही फिर टकरा सकते हैं, और यह कुछ ऐसा है जो मुझे बेहतर और बड़ा बनाने के लिए तत्पर है।”Realme के सह-संस्थापक माधव सेठ ने दीया इस्तीफा, अब शुरू करने जा रहे हैं ये काम Realme co-founder Madhav Seth resigns, now going to start this work

घटती बिक्री से परेशान हैं कंपनियां

शेठ का बाहर निकलना ऐसे समय में आया है जब Smartphone की बिक्री दबाव में रही है।

मार्केट रिसर्च फर्म इंटरनेशनल डेटा कॉरपोरेशन (IDC) की वर्ल्डवाइड क्वार्टरली मोबाइल फोन ट्रैकर रिपोर्ट (Worldwide Quarterly Mobile Phone Tracker Report) के अनुसार, पहली तिमाही में स्मार्टफोन शिपमेंट चार साल के निचले स्तर 31 Million तक गिर गया और इस साल समग्र स्मार्टफोन बाजार में सपाट वृद्धि देखने की उम्मीद है।

मार्च 2022 की तिमाही में 6 Million यूनिट से रिपोर्ट की गई तिमाही के दौरान Realme Smartphone Shipment आधे से अधिक घटकर 2.9 मिलियन यूनिट रह गया।Realme के सह-संस्थापक माधव सेठ ने दीया इस्तीफा, अब शुरू करने जा रहे हैं ये काम Realme co-founder Madhav Seth resigns, now going to start this work

चीनी कंपनियों को भारतीय बॉस रखने के आदेश

एक ओर माधव सेठ ने चीनी कंपनी (Chinese Company) से इस्तीफा दिया है, वहीं दूसरी ओर भारत सरकार चाहती है कि चीनी ब्रांड में उच्च पदों पर सिर्फ भारतीय प्रबंधकों की नियुक्ति की जाए।

मीडिया में आई खबरों के अनुसार भारत सरकार ने चीनी स्मार्टफोन (Chinese Smartphone) कंपनियों को भारतीय अधिकारियों की नियुक्ति करने के निर्देश दिए हैं।

ये नियुक्तियां उच्च पदों पर की जानी हैं।

मीडिया में आई खबरों के अनुसार सरकार ने एक शाओमी, वीवो और ओप्पो जैसी कंपनियों से मीटिंग कर चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर, चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (Chief Operating Officer), चीफ फाइनेंस ऑफिसर जैसे पदों पर भारतीयों को तैनात करने के निर्देश दिए हैं।

साथ ही चीफ टेक्निकल ऑफिसर (Chief Technical Officer) का पद भारतीय को देने को कहा है।

ठेके पर नहीं स्थाई हों कर्मचारी

केंद्र सरकार ने चीनी कंपनियों को कर्मचारियों की नियुक्ति को लेकर भी निर्देश दिए हैं।

सरकार ने कंपनियों को कहा है कि वो भारत के Contract पर काम करने वाले लोगों को स्थायी नौकरी प्रदान करें।

इतना ही नहीं, Smartphone बनाने को लेकर पार्ट्स बनाने वाली कंपनियों के साथ साझेदारी करने का ऐलान किया गया है।

केंद्र की ओर से चीनी स्मार्टफोन ब्रांड को टैक्स चोरी न करने के साथ ही भारतीय कानून का पालने करने का निर्देश दिया है।

चीनी कंपनियों की कारगुजारियों से परेशान है सरकार

हाल के दिनों में ED और अन्य नियामक और प्रवर्तन एजेंसियों ने चीनी कंपनियों में कई बड़ी टैक्स चोरी और गड़बड़ियों का पता लगाया है।

सरकार का मानना है कि चीनी कंपनियों में भारतीयों के उच्च पदों पर तैनात होने से ब्रांड टैक्ट चोरी नहीं कर पाएंगे।

साथ ही सख्ती से भारतीय नियमों को लागू किया जा सकेगा।

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