भारत

जनता से फिर संबंध मजबूत करना होगा : राहुल गांधी

अक्टूबर महीने में कांग्रेस के सभी नेता जनता के बीच में उतरेंगे और जनता की समस्याओं को सुनेंगे

उदयपुर: कांग्रेस चिंतन शिविर में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने अपने पार्टी के सभी नेताओं को साफ कर दिया है कि हमें जनता के बीच जाना होगा और उनकी समस्याओं को सुन कर उनसे जुड़ना होगा।

अक्टूबर महीने में कांग्रेस के सभी नेता जनता के बीच में उतरेंगे और जनता की समस्याओं को सुनेंगे।तीन दिन के कांग्रेस चिंतन शिविर पूरा होने पर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को संबोधित किया और अपनी

आगे की रणनीति का जिक्र भी किया। नेताओं को राहुल ने साफ कर दिया है कि मैं आपके साथ खड़ा हूं, हमें डरना नहीं है। साथ ही रीजनल पार्टी पर भी राहुल ने अपनी राय रखी है और बताया कि, सिर्फ कांग्रेस ही भाजपा से लड़ सकती है।

सिर्फ कांग्रेस ही भाजपा से लड़ सकती है

इसके अलावा राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने एक परिवार एक टिकट पर बोलते हुए कहा कि, एक परिवार से एक ही टिकट का हमने फैसला किया है। हम नहीं चाहते कि एक परिवार से 6, 7 लोगों को टिकट मिले, लोग महनत करें।

राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने अपने संबोधन में कहा कि, मीडिया में कांग्रेस(Congress) के स्थान पर चर्चा होती है लेकिन हमें बिना सोचे हमारे सभी नेताओं को जनता के बीच मे जाकर बैठ जाना चाहिए।

समस्या को समझना चाहिए, कांग्रेस का सम्बंध जनता से टूटा है यह हमें स्वीकार करना होगा। जनता समझती है कि यह काम कांग्रेस ही कर सकती है और देश को आगे ले जा सकती है।

मुझे यह सुनकर कांग्रेस ने निर्णय लिया है कि पुरी कांग्रेस पार्टी अक्टूबर में जनता के बीच जाएगी और जनता से बात करेगी।जनता और पार्टी के रिश्ते को वापस पाएगी, लेकिन यह शार्ट कट से नहीं होने वाला। यह काम पसीना बहाकर ही होगा।

हम पैदा जनता से हुए हैं यह संगठन जनता से बना है। हमें अपना कम्युनिकेशन की रणनीति में बदलाव करना होगा, क्योंकि हमारा कम्युनिकेशन भाजपा के मुकाबले कमजोर हैं।

पार्टी में युवा और सिनियर का मिश्रण होना चाहिए। आज युवाओं को रोजगार नहीं मिल सकता है। मोदी जी ने नौकरी देने की बात कही थी, लेकिन रीढ़ की हड्डी जो रोजगार पैदा करती है, उसे ही बीजेपी ने तोड़ दिया।

नोटबंदी, जीएसटी लागू करके, पूरा फायदा दो- तीन उद्योगपति को देकर सरकार ने युवाओं के भविष्य को नष्ट कर दिया है। देश का युवा नौकरी नहीं ले सकेगा, यह भविष्य में दिखेगा।

उन्होंने आगे कहा कि, हमारी जिम्मेदारी विचारधारा की लड़ाई लड़ने की है और जनता के साथ खड़े होने की है। हमें जनता के पास जाना होगा, उनकी तरफ देखना होगा, सिर्फ अपने लिए नहीं बल्कि देश के लिए।

हमें जनता के पास जाना होगा, उनकी तरफ देखना होगा-राहुल

राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने अपने संबोधन में जोर देकर कहा कि, मेरी लड़ाई भाजपा-आरएसएस की विचारधारा से है। मैं हिंसा फैलाने के खिलाफ लड़ता हूं। यह मेरी जिंदगी की लड़ाई है। मैं ये मानने को तैयार नहीं हूं कि इस प्यारे देश में नफरत और गुस्सा है।

सभी नेताओं से कहता हूं घबराने की जरूरत नहीं, यह देश सच्चाई को मानता है। यह देश देख रहा है। आपसे कहता हूं जिंदगी भर आपके साथ खड़ा हूं। मुझे कोई डर नहीं, मैने भ्रष्टाचार नहीं किया है, एक रुपया नहीं लिया।

भारत माता से एक पैसा नहीं लिया है। मैं सच्चाई बोलने से नहीं डरता हूं। हम उनकी विचारधारा को हराकर दिखाएंगे, हम सब एक साथ हैं।हमारे सीनियर नेता डिप्रेशन में चले जाते हैं, क्योंकि लड़ाई आसान नहीं है।

यह लड़ाई रीजनल पार्टी नहीं लड़ सकती क्योंकि यह विचारधारा की लड़ाई है। बीजेपी कांग्रेस की बात करेगी, नेताओं की बात करेगी लेकिन रीजनल पार्टी की बात नहीं करेगी, उनको पता है उनकी अपनी जगह है, उनकी विचारधारा नहीं है।

रीजनल पार्टी बीजेपी को नहीं हरा सकते।मैं जानता हूं आगामी दिनों में देश में आग लगेगी ,हमारी जिम्मेदारी है कि वो आग न लगे। हमारी जिम्मेदारी है कि जनता से कहें आप को बांटा जा रहा है।

इससे आपको फायदा नहीं होगा। रीजनल पार्टी कोई किसी जात की है, वह सब की नहीं है। कांग्रेस पार्टी पूरे देश की पार्टी है। घबराने की जरूरत नहीं है, सड़क पर उतरेंगे। उनकी विचारधारा से कांग्रेसी की तरह लड़ेंगे।

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