रांची : झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में वर्चुअल मोड में बुधवार को देवघर एयरपोर्ट (Deoghar Airport) में नाइट लैंडिंग शुरू नहीं होने तथा Airport के आसपास की ऊंची बिल्डिंग को तोड़ने से संबंधित सांसद निशिकांत दुबे की अवमानना याचिका पर हुई।
रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए 26 को जुलाई सुनवाई निर्धारित
मामले में केंद्र सरकार के अधिवक्ता प्रशांत पल्लव ने कोर्ट से समय देने का आग्रह करते हुए बताया गया कि देवघर एयरपोर्ट के आस-पास की 7 ऊंची बिल्डिंग को तोड़ने के लिए प्राइवेट पार्टी और देवघर एयरपोर्ट लिमिटेड (Private Party and Deoghar Airport Limited) के बीच वार्ता करने वाले मध्यस्थ की रिपोर्ट अब तक नहीं आई है। इस पर कोर्ट ने मध्यस्थ की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए समय देते हुए मामले की सुनवाई 26 जुलाई निर्धारित की।
कोर्ट ने मामले में एक मध्यस्थ नियुक्त करने को कहा था। यह मध्यस्थ प्राइवेट पार्टी (Intermediary Private Party) जिनका मकान टूटना है और देवघर एयरपोर्ट लिमिटेड के बीच वार्ता करेगा।
सर्वेयर अपना रिपोर्ट मध्यस्थ को सौंपेगा
मकान मालिकों को कितना मुआवजा मिलेगा और कब तक उनका मकानों को तोड़ा जाना है आदि विषयों पर दोनों पक्षों से बातचीत कर मध्यस्थ अपनी रिपोर्ट कोर्ट को रिपोर्ट देगा।
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने देवघर एयरपोर्ट लिमिटेड (Deoghar Airport Limited) को निर्देश दिया था कि वह DC देवघर को पत्र लिखकर जिनके मकान टूटेंगे उनके Loss का Assessment करने के लिए एक सर्वेयर (Surveyor) की नियुक्ति के लिए अनुरोध करें।
सर्वेयर अपना रिपोर्ट मध्यस्थ को सौंपेगा। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता दिवाकर उपाध्याय ने पैरवी की। केंद्र सरकार के अधिवक्ता प्रशांत पल्लव (Prashant Pallav) ने पैरवी की।