नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि भारत ऐसे पड़ाव पर है जहां वृद्धि और विकास को हर ओर से मजबूत करने की जरूरत है और बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) की इसमें अहम भूमिका है।
वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष 28,000 पेटेंट मिले हैं, 2013-14 में इनकी संख्या 4,000 थी। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष 2.5 लाख ट्रेडमार्क का पंजीयन हुआ और 16,000 से अधिक कॉपीराइट हुए जिनका अर्थव्यवस्था पर बहुत मजबूत प्रभाव पड़ेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘ये मामूली संख्या नहीं है। यह अर्थव्यवस्था की मजबूती है, ऐसे नवोन्मेष और कॉपीराइट का समर्थन करना जिनके बढ़ने का अर्थव्यवस्था पर खासा मजबूत प्रभाव पड़ेगा और इससे इसका अपना परिवेश और राजस्व पैदा होने लगेगा।’’
सीतारमण यहां ‘भारत में आईपीआर विवादों के निर्णय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी’ में बोल रही थीं, जिसका आयोजन दिल्ली उच्च न्यायालय ने किया था। इसमें भारत के प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण और अन्य न्यायाधीश भी शामिल हुए।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने स्टार्ट अप के बौद्धिक संपदा अधिकारों की रक्षा करते हुए उन्हें बढ़ावा दिया है। उन्होंने अर्थव्यवस्था में नवोन्मेष के महत्व को भी रेखांकित किया।
वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘भारत ऐसे पड़ाव पर है जहां वृद्धि और विकास पर जोर को हर ओर से मजबूती मिलनी चाहिए। आईपीआर की इसमें अहम भूमिका है।’’
उन्होंने कहा कि न्यायपालिका के समर्थन से नवोन्मेष की प्रेरणा मिली तथा और कॉपीराइट मिले हैं और अब आईपीआर मुद्दों से निपटने के लिए एक व्यवस्थित तरीका है।
वित्त मंत्री ने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय में बौद्धिक संपदा के मामलों से निपटने के लिए एक पीठ का गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि बौद्धिक संपदा संरक्षण की 2016 में शुरू की गई योजना को 2023 तक बढ़ा दिया गया है।