झारखंड

साहिबगंज : पहाड़िया जनजाति की रेबिका के गांव आक्रोश के बीच पसरा है मातम, वारदात में कई तथ्य आए हैं सामने

साहिबगंज: जिले के बोरियो प्रखंड (Borio Block) में आदिम पहाड़िया जनजाति समुदाय (Tribal Community) से आने वाली लड़की रेबिका पहाड़िन की हत्या मामले में पुलिस (Police) ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

गिरफ्तार किए गए अपराधियों (Criminals) में रेबिका का पति दिलदार अंसारी, सास मरियम खातून व ससुर मुस्तकिम अंसारी सहित 10 लोग शामिल हैं। हालांकि घटना के 5 दिन गुजर जाने के बाद भी अब तक शरीर के केवल 18 टुकड़े ही पुलिस (Police) के हाथ लगे हैं।

बताया जा रहा है कि मृतका के सिर का अब तक पता नहीं चला है। वहीं, दूसरी ओर पुलिस इस बात का भी पता लगा रही है कि जो हथियार बरामद किए गए हैं, वे हत्या में इस्तेमाल हुए हैं या नहीं।

इस दिल दहला देने वाली घटना की SP अनुरंजन किस्पोट्टा के नेतृत्व में बनी 9 सदस्यीय टीम जांच कर रही है। हालांकि पुलिस और बहुत कुछ हाथ नहीं लगा है। वहीं, पुलिस आरोपियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने की कोशिश में अपनी छानबीन को तेज करती जा रही है।

अहम बातें जांच में आई हैं सामने

रेबिका हत्याकांड के बीच एक और अहम जानकारी सामने आई है। 13 दिसंबर (मंगलवार) को बोरियो थानाक्षेत्र (Borio Police Station) अंतर्गत चांदनी चौक (Chandani Chowk) स्थित एक होटल से पुलिस ने देह व्यापार के आरोप में 3 लड़कियों और 3 लड़कों को पकड़ा था। पता चला है कि इनमें से 2 लड़कियां, मृतका रेबिका की छोटी बहनें थी। दोनों को पुलिस ने देवघर स्थित रिमांड होम भेज दिया है।

जिला मुख्यालय से 40 दूर है रेबिका गांव गोडा पहाड़

उधर, जब मृतका के परिवार और गांव का हाल जानने की कोशिश की गई तो कई तरह की बातें निकलकर सामने आई हैं। रेबिका का इतना ज्यादा सुदूर इलाके में है कि वहां वाहन से भी जा पाना काफी मुश्किल है।

उसका गोडा पहाड़ गांव (Goda Pahar Village) जिला मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर है। जबकि यह बोरिया प्रखंड से करीब 13 किमी अंदर है। रेबिका के गांव जाने पर पता चला कि उसकी एक पांच साल की बेटी है।

जिसका नाम रिया पहाड़िन (Riya Pahadin) है। जिस समय मीडिया (Media) के लोग उसके घर पर पहुंचे तो यह बच्ची उन्हें सवालिया नजरों से टकटकी लगाए देख रही थी।

मानो वह पूछ रही हो कि उसकी मां की क्या गलती थी कि उसे मौत के घाट उतार दिया गया। हालांकि वह इतनी छोटी है कि उसे इस बारे में कुछ पता भी नहीं है। मासूम बच्ची को अनाथ करने वालों को ग्रामीणों (Villagers) भी सख्त से सख्त सजा दिलाने की मांग कर रहे हैं।

ग्रामीणों ने मीडियाकर्मियों से की बातचीत

मृतका रेबिका का गांव गोडा पहाड़ जाने के लिए दोपहिया या चारपहिया वाहन से एक निश्चित दूरी तय करने के बाद कम से कम 3 किमी तक पैदल चलना पड़ता है।

मीडिया (Media) के लोग जब हम वहां पहुंचे तो गांव के लोग रेबिका की निर्मम हत्या के विरोध में बोरियो बाजार (Borio Bazar) में आयोजित एक विरोध प्रदर्शन में शामिल होने जा रहे थे।

मीडियाकर्मियों को देख रूक गए और बातचीत की। उनमें हत्यारों के प्रति रोष देखने को मिला।

सिर तक कुचल डाला हत्यारों ने

काफी पैदल चलकर आखिरकार लोग पहाड़ी के ऊपर बने मिट्टी और खपरैल से बने मकान (Tile Houses) के आंगन में पहुंचे। घर के आंगन में रेबिका की बड़ी बहन शीला पहाड़िन और मां चांदी पहाड़िन सहित कई महिलाएं बिलख-बिलख कर रो रही थीं।

पहाड़िया भाषा में रेबिका को याद कर रोती महिलाओं को देख वहां हर किसी की आंख नम हो गई। इन्हें इस बात का दुख तो है कि कल तक हसंती-खिलखिलाती (Giggling) इनकी बिटिया इनके बीच नहीं रही।

यहां तक कि हत्यारों ने रेबिका के सिर को भी कुचल डाला। केवल जबड़े मिले हैं। बालों का गुच्छा मिला है।

रेबिका के परिवार में हैं ये लोग

रेबिका के परिवार में पिता सुरजा पहाड़िया, मां चांदी पहाड़िन, बड़ी बहन शीला पहाड़िन, 2 छोटी बहनें परिमाला और दुलाली हैं। मृतका के 2 भाई भी हैं। सबसे बड़ा बेंजामिन मालतो जो कन्याकुमारी (Kanyakumari) में रहता है और दूसरा भाई आरसेन मालतो। 6 भाई बहनों में रेबिका तीसरे नंबर पर थी।

बहन ने बताई उस दिन की पूरी वारदात

घर के आंगन (Courtyard) में एक खाट पर बैठी मृतका रेबिका की बड़ी बहन शीला ही केवल बात करने की स्थिति में थी। उन्होंने बताया कि घटना वाले दिन क्या हुआ था। शीला ने बताया कि शुक्रवार (16 दिसंबर) को मैं साहिबगंज (Sahibganj) में अपना काम खत्म कर शाम की ट्रेन से ससुराल जा रही थी।

शाम तकरीबन 6 से 7 बजे के बीच मुझे दिलदार अंसारी का फोन आया। उसने मुझे बताया कि रेबिका घर में नहीं है। नहीं मिल रही। शीला ने बताया कि अगली सुबह यानी शनिवार (17 दिसंबर) को मैं बोरियो (Borio) स्थित अपने घर गोडा पहाड़ आ गई।

शीला के मुताबिक उसी दिन बोरियो हाट में उसकी मुलाकात रेबिका के पति दिलदार अंसारी से हुई। यहां भी दिलदार ने बताया कि रेबिका नहीं मिल रही। हम लोग ढूंढ रहे हैं।

शीला ने आगे बताया कि मैं घर लौट आई। जब पूरा परिवार रात के खाने की तैयारी कर रहा था तभी बोरियो थाने (Borio Police Station) से फोन आया। कहा कि शरीर के टुकड़े मिले हैं। क्या वो रेबिका के हैं।

तब हमने पुलिस से उन टुकड़ों की फोटो भेजने को कहा। शीला ने बताया कि हमने अंगुली में लगी नेल पेंट और कपड़ों से रेबिका की शिनाख्त की। फिर हमने प्राथमिकी दर्ज कराई।

दो साल पहले रेबिका आई थी दिलदार के संपर्क में

शीला ने बताया कि करीब 2 साल पहले रेबिका दिलदार अंसारी के संपर्क में आई थी। दोनों के बीच दोस्ती हुई और दिलदार, रेबिका को लेकर बेंगलुरु (Bangalore) भाग गया।

बाद में वापस आया तो काफी विवाद हुआ। रेबिका के पिता सुरजा पहाड़िया उसे वापस घर ले आए लेकिन इस जघन्य हत्याकांड से करीब 2-3 महीने पहले हाट-बाजार (Bazaar) जाने के क्रम में रेबिका दोबारा दिलदार अंसारी के संपर्क में आई।

अभी 15 दिन पहले ही बोरियो थाने (Borio Police Station) में समझौता होने के बाद दिलदार ने रेबिका को साथ रखने की बात की थी। दिलदार पहले से ही शादीशुदा है। अभी तक की जांच के मुताबिक यही फसाद की मुख्य वजह है। इस शादी से दिलदार के घरवाले नाखुश थे।

भाई बोला- बहन की ससुराल में विवाद की नहीं थी कोई जानकारी

जांच में ये बात सामने आई है कि रेबिका दिलदार की दूसरी पत्नी थी। दिलदार के घरवाले इस शादी (Marriage) से नाखुश थे। घर में इस शादी को लेकर बहुत कलह होती थी और यही वजह है कि दिलदार ने रेबिका के लिए बोरियो के बोरियो संताली टोला (Borio Santali Tola) में एक मकान किराए पर ले रखा था।

मृतका के भाई आरसेन मालतो ने भी इसकी पुष्टि की है। उसने बताया कि उन्हें नहीं पता था कि बहन की ससुराल में कोई विवाद था। भाई आरसेन मालतो ने बताया कि साल 2017 के आसपास रेबिका ने पत्थरघट्टा निवासी (Pattharghatta Resident) एक युवक से शादी की थी।

युवक हमारे ही समुदाय का था। रिया के जन्म के कुछ ही समय बाद उस युवक ने रेबिका को छोड़ दिया। इसके बाद रेबिका, दिलदार अंसारी के संपर्क में आई थी।

पति की मां के सामने रेबिका को उतारा गया मौत के घाट

रेबिका की हत्या 16 दिसम्बर की शाम को फाजिल टोला स्थित स्टैंड किरानी मैनुल के घर के पहली मंजिल पर गला दबाकर कर दी गई थी । दिलदार की मां ने ही शाम को रबिका को अपने भाई मैनुल अंसारी (Mainul Ansari) के घर पहुंचाया था।

वहां से उसे बातचीत के बहाने पड़ोस में रहने वाले बस स्टैंड (Bus Stand) किरानी मैनुल के यहां ले जाया गया था। खास बात है कि दिलदार की मां के सामने ही पूरा वाकया हुआ। यह जानकारी जांच व पूछताछ के क्रम में SIT को मिली है।

SIT में शामिल पुलिस पदाधिकारी मिली जानकारी पर तफ्तीश को आगे बढ़ा रही है।

हत्या के बाद मरियम घर लौट आई

पुलिस सूत्रों (Police Sources) ने बताया कि जांच में पता चला है कि रबिका (Rabika) को पहले दिलदार के रास्ते से हट जाने के लिए समझाने का प्रयास किया गया। बात नहीं बनने पर मामा मैनुल ने उसकी गला दबा दी।

इससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई। पुलिस ने इसी के घर से रबिका का चप्पल व मोबाइल बरामद किया है। मैनुल का खून लगा हुआ सेंडो गंजी व शर्ट भी बरामद हुआ है। हत्या (Murder) के बाद शव को वहीं छोड़ कर मरियम घर लौट आई।

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