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समाजवादी पार्टी तैयार कर रही BJP के खिलाफ हर मुद्दे पर आक्रामक रुख अख्तियार करने की रणनीति

लखनऊ: समाजवादी पार्टी (SP) अब 2024 के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) में अपनी अच्छी पोजिशन (Position) बनाने के लिए जमीन पर संघर्ष करती नजर आएगी।

वह BJP के खिलाफ हर मुद्दे पर आक्रामक रुख अख्तियार करने की रणनीति (Strategy) पर काम कर रही है।

समाजवादी पार्टी के रणनीतिकारों की मानें तो मैनपुरी लोकसभा व खतौली विधानसभा उपचुनाव (Assembly By-election) में मिली जीत से उत्साहित पार्टी अपने कार्यकर्ताओं में यह जोश लोकसभा चुनाव तक बरकरार रखना चाहती है।

इसके लिए SP ने तय किया है कि 2024 के लोकसभा चुनाव तक पार्टी BJP सरकार के खिलाफ अपने तेवर को तीखे रखेगी।

सपा के एक वरिष्ठ नेता की मानें तो राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश की छवि बार बार सत्तारूढ़ और अन्य दलों द्वारा ड्राइंग रूम (Drawing Room) और ट्विटर छाप नेता की बनाई जा रही थी, जिसे तोड़ने के लिए अब उनकी छवि संघर्ष वाली बनाई जा रही है।

बीते दिनों मैनपुरी लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने सुबह से रात तक जमीनी मेहनत की। इसी का परिणाम रहा कि यह सीट समाजवादियों के लिए अच्छे मार्जिन बटोरती नजर आई।

सड़क, स्वास्थ्य, कानून व्यवस्था, खेती किसानी की परेशानी जैसे मामले को तहसील स्तर पर उठाया जाएगा

कार्यकर्ताओं को भी बूस्टर डोज मिला और वह काफी जोश में दिखे। इसके बाद से पार्टी के रणनीतिकारों ने तय किया कि अब अखिलेश यादव लोकसभा चुनाव तक हर जिले का दौरा करेंगे।

इसके अलावा पार्टी हर छोटे बड़े मुद्दे को लेकर सरकार के खिलाफ सड़कों पर नजर आएगी। इसके लिए एक कमेटी गठित की गई है। जो हर छोटे छोटे से मुद्दों पर नजर रखेगी।

सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डाक्टर आशुतोष वर्मा कहते हैं कि समाजवादी पार्टी शुरू से ही जनता के लिए संघर्ष करती रही है। लेकिन भाजपा ने जनता से जुड़े मुद्दों को हटाने के लिए सांप्रदायिक मुद्दों की ओर डायवर्ट कर देती है।

इसीलिए अब जिले, तहसील और मंडल स्तर तक के जनता के मुद्दे जैसे सड़क, स्वास्थ्य, कानून व्यवस्था, खेती किसानी की परेशानी जैसे मामले को तहसील स्तर पर उठाया जाएगा।

इसका पूरा समन्वय जिला अध्यक्ष की देख रेखा में होगा और प्रदेश लेवल के लिए वरिष्ठ नेताओं की एक कमेटी बनाई गई है। उनकी निगरानी में जनता से जुड़े हर मामले को अब बहुत जोर शोर से उठाया जाएगा।

वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक अमोदकांत मिश्रा कहते हैं कि विधानसभा चुनाव के बाद आजमगढ़ और रामपुर में हुए चुनाव में सपा को निराशा हाथ लगी। इसके बाद मैनपुरी लोकसभा और खतौली विधानसभा की जीत ने कार्यकर्ताओं को एक नई ऊर्जा दी है।

मनीष जगन अग्रवाल की गिरफ्तारी के बाद अखिलेश यादव DGP मुख्यालय पहुंच गए थे

अखिलेश को अब समझ में आ गया है कि बंद कमरे की राजनीति अब ठीक नहीं है। इसका संदेश ठीक नहीं जाएगा।

इसी कारण उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने अब नया प्लान बनाना शुरू किया है। इसी कारण मैनपुरी के जीत के बाद खुद अखिलेश जिले जिले जाकर संघर्ष करते नजर आए हैं।

उन्होंने बताया कि कई बार उनके ऊपर आरोप लगे कि वह अपने पिता नेता जी की तरह कार्यकर्ताओं को उतनी तरजीह नहीं देते हैं।

इसी छवि को तोड़ने के लिए सपा मुखिया अपने कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न के मामले में उनके साथ मजबूती से खड़े नजर आ रहे हैं।

अभी हाल में SP के ट्विटर हैंडल संचालक मनीष जगन अग्रवाल की गिरफ्तारी के बाद अखिलेश यादव DGP मुख्यालय पहुंच गए थे।

इसके बाद लखनऊ जेल में मिलने भी पहुंचे थे। इसके पहले भी वह जेल बंद SP के पूर्व और वर्तमान विधायकों से मुलाकात कर रहे हैं।

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