नई दिल्ली: सोशल मीडिया (Social Media) पर हर कोई आज मिर्जापुर जिले के गांव की रहने वाली सानिया मिर्जा (Sania) की तारीफें करते नहीं थक रहा।
सानिया ने वायु सेना (Air Force) में भारत की पहली मुस्लिम महिला फाइटर पायलट (First Muslim Woman Fighter Pilot) बनने का गौरव हासिल किया है।
सोनिया ने NDA की परीक्षा में 148वीं रैंक हासिल की है। बेटी की सफलता के पीछे उनके TV मैकेनिक पिता शाहिद का बड़ा रोल है।
उन्होंने बताया कि कैसे 12वीं पास करने के बाद बेटी से जब मैंने उसका सपना पूछा तब उसके जवाब ने मुझे पूरी तरह बदल दिया। मैंने उसकी तैयारी में पूरी मदद की अपनी मेहनत लगन और संघर्ष से आज बेटी इस मुकाम पर पहुंची है।
बिना ट्यूशन या गाइडेंस के उसने कर लिया स्कूल टॉप
सानिया मिर्जा (Sania Mirza) छोटे से गांव जसोवर की रहने वाली हैं। उनके पिता शाहिद TV मैकेनिक का काम करते हैं। महीने में बमुश्किल वहां 15 से बीस हजार रुपये कमा पाते है इसमें पूरे परिवार का पेट पालना पड़ता है।
सानिया के अलावा एक बेटे को भी वहां पढ़ा रहे हैं। शाहिद कहते हैं कि मैं पहले नहीं समझ पाया था कि बेटी इतना बड़ा लक्ष्य हासिल कर लेगी लेकिन दसवीं के बाद मुझे पूरी तरह अहसास हो गया था कि मेरी बेटी में कुछ खास बात है।
शाहिद बताते हैं कि जब सानिया ने अपना स्कूल टॉप (School Top) किया तब मुझे लगा कि बेटी में कुछ बात है जो इस तरह कंपटीशन (Competition) में टॉपर (Topper) है।
बिना ट्यूशन या गाइडेंस के उसने स्कूल टॉप कर लिया। फिर इसके बाद सानिया ने मिर्जापुर के गुरु नानक गर्ल्स इंटर कॉलेज से 12वीं की परीक्षा में जिला टॉपर बनीं।
मैंने उसी दिन बेटी से पूछा कि अब तुम आगे क्या करियर बनाना चाहती हो तब वहां बोली कि मैं फाइटर पायलट (Fighter Pilot) बनूंगी। मैंने उसी दिन ठान लिया कि अब बेटी का सपना पूरा कराने के लिए मैं दोगुनी मेहनत करूंगा लेकिन उसे रोकूंगा नहीं।
सानिया ने हाईस्कूल (High School) और इंटरमीडिएट (Intermediate) की पढ़ाई घर से की वहां बिना कोचिंग की मदद से स्कूल टॉपर बनीं।
मुस्लिम समाज के लोग भी बेटी की उपलब्धि की कर रहे है सराहना
शाहिद कहते हैं कि बेटी को गणित सबसे प्रिय विषय है। वहां खाली समय में भी मैथ के सवाल हल करती थी। एग्जाम क्लियर करने के बाद वह अपने इंटरव्यू की तैयारी के लिए अकादमी में शामिल हो गई।
आखिरकार उन्होंने सफलता हासिल की। रिपोर्ट्स (Reports) के मुताबिक सानिया 27 दिसंबर 2022 को पुणे में NDA खडकवासला में शामिल होंगी।
शाहिद बताते हैं कि गांवों में मुस्लिम समाज में बेटियों को करियर के लिए बहुत प्रेरित नहीं किया जाता। आज भी हम सब तय रूढ़ियों में चल रहे हैं।
लेकिन जब से सानिया का सेलेक्शन हुआ है जिस जिस को पता चलता है वहां तारीफ कर रहा है। अब मुस्लिम समाज के लोग भी बेटी की उपलब्धि की सराहना कर रहे है।