झारखंड

लोहरदगा IPRD में सरदार वल्लभ भाई पटेल की मनाई गई जयंती

समाहरणालय परिसर लोहरदगा से प्रारंभ होकर कचहरी चौक, साइडिंग, बाबा मठ, मैना बगीचा से होते हुए समाहरणालय परिसर तक किया गया

लोहरदगा: स्वतंत्र भारत के पहले उप प्रधानमंत्री व स्वतंत्रता सेनानी सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर आज जिला सूचना एवं जनसम्पर्क कार्यालय, लोहरदगा ने रन फाॅर यूनिटी का आयोजन किया।

इसका आयोजन समाहरणालय परिसर लोहरदगा से प्रारंभ होकर कचहरी चौक, साइडिंग, बाबा मठ, मैना बगीचा से होते हुए समाहरणालय परिसर तक किया गया।

समाहरणालय परिसर में उपायुक्त दिलीप कुमार टोप्पो द्वारा उपस्थित लोगों को सत्यनिष्ठा के साथ राष्ट्र की एकता, अखण्डता और सुरक्षा को बनाये रखने के लिए स्वयं को समर्पित करने, इस संदेश को देशवासियों के बीच फैलाने, देश की आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपना योगदान करने की शपथ दिलायी गई।

उपायुक्त समेत अन्य पदाधिकारियों द्वारा सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती और देश की पूर्व प्रधानमंत्री की पुण्यतिथि के अवसर पर उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई।

उपायुक्त दिलीप कुमार टोप्पो ने कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए कहा कि आज सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का शहादत दिवस है। दोनों का योगदान देश की एकता व अक्षुणता बनाये रखने में अहम रहा। सरदार पटेल अपने कार्यों की वजह से लौह पुरुष बने।

उन्होंने कहा कि सरदार ने देश की आजादी से पहले नमक आंदोलन, बरदोली का किसान आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन में अपनी भूमिका निभायी और सरदार की उपाधि पायी। देश की आजादी के बाद इन्होंने भारत के पहले उप प्रधानमंत्री और गृहमंत्री रहते हुए पांच सौ से अधिक देशी रियासतों का विलय भारत में कराया जो पहले पाकिस्तान के साथ रहना चाहती थीं।

सरदार ने बेहतर कूटनीति का उदाहरण देते हुए ऐसी देसी रियासतों को बिना खून-खराबे के भारत में विलय कराया। जम्मू-कश्मीर, जूनागढ़, हैदराबाद इनमें प्रमुख थीं. मौके पर बडी संख्या में अधिकारी और आम लोग मौजूद थे।

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