खूंटी: Torpa में रविवार को प्रखंड स्तरीय सरहुल महोत्सव (Sarhul Festival) पारंपरिक हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
प्रखंड मुख्यालय (Headquarters) स्थित सरना स्थल पर पाहनों ने विधि-विधान से पूजा-अर्चना के बाद सरहुल की भव्य शोभा यात्रा निकाली।
शोभायात्रा (Procession) प्रखंड मैदान से शुरू होकर मेेन रोड होते हुए हिल चौक स्थित भगवान बिरसा मुंडा के प्रतिमा स्थल तक गई।
प्रकृति संरक्षण का संदेश
सरहुल महोत्सव (Sarhul Festival) की विशेषता रही कि इसमें न सिर्फ सरना धर्मावलंबी शामिल हुए, बल्कि अपना पारंपरिक धर्म छोड़कर ईसाई बन चुके लोगों ने भी बड़ी संख्या में सरहुल पूजा में पारंपरिक आदिवासी पोशाक (Traditional Tribal Dress) में शामिल हुए।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए समारोह के मुख्य अतिथि विधायक कोचे मुंडा ने कहा कि सरहुल सिर्फ आदिवासियों का त्योहार नहीं है, बल्कि यह पूरी मानवता का पर्व है।
उन्होंने कहा कि सरहुल मानव और प्रकृति के अटूट संबंध को और प्रगाड़ करने और प्रकृति संरक्षण (Nature Protection) का संदेश देता है।
साथ ही कहा कि हमें किसी भी हाल में अपने धर्म, संस्कृति (Culture) और परंपरा को बचाकर रखना है।
कार्यक्रम (Program) में संतोषी टोपनो, विनोद धान, दीपक तिग्गा, सुशीला कंडुलना, श्रेया कंडुलना, रोशन कंडुलना, रेडा पाहन, रामध्यान सिंह, संतोष जायसाल, विनोद भगत, चोंगे पाहन, मोगला पाहन सहित काफी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।