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अस्थि कलश रखने के लिए ट्रेन में बुक किया था सीट, TTE ने कर दी ऐसी हरकत, रेल मंत्री तक पहुंची शिकायत

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राजस्थान: रेलवे के एक TTE की गलती के कारण राजस्थान (Rajasthan) के जोधपुर जिले में रहने वाले एक परिवार की भावनाओं को ठेस पहुंचा है।

परिवार में बुजुर्ग की मौत के बाद उनके मोक्ष के लिए उनके अस्थि कलश (Aasthi Kalash) को ट्रेन से ले जाने के दौरान यह शर्मनाक वाक्या सामने आया है।

परिवार के लोगों ने ज्यादा तो कुछ नहीं किया लेकिन उन्होनें इस पूरे मामले को लेकर रेल मंत्री को ट्वीट कर अपनी आपत्ति जताई है और साथ ही TTE की शिकायत की है।

अस्थि कलश रखने के लिए ट्रेन में बुक किया था सीट, TTE ने कर दी ऐसी हरकत, रेल मंत्री तक पहुंची शिकायत -Seat was booked in the train to keep the urn, TTE did such an act, complaint reached Railway Minister

अस्थि कलश रखने के लिए बुक किया था एक सीट

दरअसल जोधपुर में रहने वाले हरीश मंगेश (Harish Mangesh) नाम के एक व्यक्ति के ससुर का करीब 70 साल की उम्र में देहांत हो गया। उनकी अस्थियों को लेकर हरिद्वार जाने के की परिवार ने तैयारी की।

हरीश ने तीन टिकिट बुक कराने के साथ ही ससुर की अस्थियों के लिए एक और सीट बुक कराई। चारों टिकिट (Ticket) का भुगतान करने के बाद हरिद्वार जाने वाली ट्रेन में परिवार सवार हो गया। अस्थि कलश को नजदीक ही सीट पर रख दिया गया। पता चला कि कुछ देर बाद एक पैसेंजर वहां आ गया और उसने अस्थि कलश हरीश को दे दिया।

अस्थि कलश रखने के लिए ट्रेन में बुक किया था सीट, TTE ने कर दी ऐसी हरकत, रेल मंत्री तक पहुंची शिकायत -Seat was booked in the train to keep the urn, TTE did such an act, complaint reached Railway Minister

सीट के पैसे देने के बावजूद किसी और को दे दिया गया सीट

पीड़ित ने कहा TTE ने उसे यह सीट बेच दी है और उसने किराये की पर्ची दिखा दी। हरीश ने TTE से बात करने की कोशिश की लेकिन बात नहीं बनी तो अपने ससुर की अस्थि कलश को अपने पास रख लिया और बाद में हरिद्वार जाकर अंतिम क्रिया की गई।

उसके बाद हरीश ने इस बारे ट्वीट कर रेल मंत्री को मैसेज भेजा और आपत्ति दर्ज कराई कि यह हमारी संवेदनाओं से जुड़ा मुद्दा है, टिकिट के रुपए दे दिए गए थे फिर भी TTE ने किसी और को सीट बेच दी।

मृत व्यक्ति का टिकट लेने का होता है रिवाज़

दरअसल राजस्थान के कई शहरों में परिवार में गमी होने के बाद अस्थि कलश को ट्रेन या बस मे ले जाने के दौरान परिवार के लोग मृत व्यक्ति का टिकिट भी लेते हैं।

इसके पीछे यह मान्यता है कि उनके बुजुर्ग (Old) या परिवार के सदस्य उनके साथ हैं। ऐसा अधिकतर हरिद्वार जाने के दौरान किया जाता है। वापस घर लौटते समय एक टिकिट कम कर दिया जाता है।

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