नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने साफ किया है कि दाल, गेहूं, चावल और आटा की खुली बिक्री पर कोई वस्तु एवं सेवा कर (GST) नहीं लगेगा।
वित्त मंत्री ने मंगलवार को ट्वीट कर खाद्य पदार्थों की सूची जारी की है जिसमें दाल, गेहूं, राई, ओट्स, मकई, चावल, आटा, सूजी, बेसन, मूढ़ी और लस्सी जैसी चीजें शामिल है।
दरअसल इस बात को लेकर भ्रम की स्थिति पैदा हो गई थी कि इन वस्तुओं की खुली बिक्री पर भी GST लगेगा या नहीं। अब सरकार ने साफ किया है कि इनकी खुली बिक्री पर कोई GST नहीं देना होगा।
टैक्स लीकेज को रोकने के लिए यह फैसला बेहद जरूरी था
सीतारमण ने ट्वीट कर स्पष्ट किया कि GST परिषद ने गेहूं, आटा, चावल समेत कई चीजों की खुली बिक्री को GST से मुक्त रखा है।
इनमें दाल, गेहूं, राई, जौ, मक्का, चावल, आटा, सूजी, बेसन, मुरमुरे, दही और लस्सी शामिल है। हालांकि, इन उत्पादों की प्रीपैक्ड या लेबल्ड के तौर पर बिक्री के मामले में 5 फीसदी का जीएसटी लगेगा।
वित्त मंत्री (Finance Minister) ने यह भी स्पष्ट किया है कि इन खाद्य पदार्थों पर से GST हटाने का फैसला किसी एक व्यक्ति ने नहीं, बल्कि पूरे GST परिषद ने एक प्रक्रिया के तहत लिया है।
सीतारमण ने एक के बाद एक किए गए अपने 14 ट्वीट में कहा है कि टैक्स लीकेज को रोकने के लिए यह फैसला बेहद जरूरी था।
इससे पहले केंद्रीय वित्त मंत्रालय (Union Finance Ministry) के राजस्व विभाग ने भी GST ऑन प्रीपैकेज्ड एंड लेबल्ड नाम से जारी एक एफएक्यू में चीजों को स्पष्ट किया था।
पहले ये सभी वस्तुएं GST के दायरे से बाहर थीं
इस FAQ में बताया गया कि यदि दाल, आटा, चावल जैसे फूड आइटम्स की पैकिंग लीगल मेट्रोलॉजी एक्ट, 2009 के हिसाब से होती है, जिसका वजन 25 किलो से ज्यादा है, तो उस पर जीएसटी नहीं लगेगा।
यदि किसी बोरी में 5-5 किलो या 10-10 किलो के पैक डालकर उस पूरी बोरी का वजन 25 किलो से ज्यादा कर दिया जाता है तो उसे GST से छूट नहीं मिलेगी।
GST परिषद ने चंडीगढ़ में 28-29 जून, 2022 को हुई 47वीं बैठक में प्रीपैकेज्ड अनाज, दाल, आटा, छाछ, दही और पनीर को 5 फीसदी GST टैक्स स्लैब (TAX Slab) के दायरे में लाने का फैसला किया था, जो 18 जुलाई से देशभर में लागू हो गया है। पहले ये सभी वस्तुएं जीएसटी के दायरे से बाहर थीं।