इस्लामाबाद: पाकिस्तान नेशनल असेंबली में प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ लाये गए अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 174 वोट पड़े।
इस तरह इमरान खान की सरकार गिरने के बाद पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री पद के लिए शहबाज शरीफ का रास्ता साफ हो गया है।
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज ने पहले ही साफ कर दिया था कि अगर इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास होता है तो उनकी पार्टी की ओर से शहबाज शरीफ प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे।
शहबाज शरीफ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के सांसद हैं और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के छोटे भाई हैं।
शहबाज शरीफ 13 अगस्त, 2018 से नेशनल असेंबली के सदस्य और विपक्ष के नेता हैं। इससे पहले शहबाज शरीफ तीन बार पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री रह चुके थे।
पाकिस्तान में 2018 में हुए आम चुनाव में पीएमएल-एन ने शहबाज शरीफ को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया था।
इस चुनाव में इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की जीत हुई और शहबाज शरीफ विपक्ष के नेता चुने गए।
इसके बाद सितंबर, 2020 में शहबाज शरीफ को मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार कर लिया गया क्योंकि उनके ऊपर करोड़ों रुपये की हेराफेरी करने का आरोप था। अप्रैल 2021 में लाहौर हाईकोर्ट से जमानत मिल गई लेकिन उन पर अभी भी ये केस चल रहा है।
शहबाज शरीफ फरवरी, 1997 में पहली बार पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री बने थे लेकिन 1999 में पाकिस्तान में सेना ने तख्तापलट कर दिया।
वे तीन बार पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके हैं
इसके बाद जून, 2008 में शहबाज फिर से पंजाब के मुख्यमंत्री बन गए। 2013 के चुनाव में शहबाज तीसरी बार पंजाब के मुख्यमंत्री बने।
विपक्ष के साथ मिलकर प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के पीछे उनकी नजरें प्रधानमंत्री की कुर्सी पर टिकी थीं।
आखिरकार तमाम कानूनी दांव-पेंच के बाद अविश्वास प्रस्ताव पर देर रात वोटिंग हुई। इसके बाद हुई वोटों की गिनती में पता चला कि अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 174 वोट पड़े।
अविश्वास प्रस्ताव जीतने के बाद शाहबाज शरीफ के नए प्रधानमंत्री बनने का रास्ता साफ़ हो गया। अविश्वास प्रस्ताव जीतने के बाद शाहबाज शरीफ न कहा कि वे बदले की भावना से किसी को जेलों में नहीं भिजवाएंगे। वे तीन बार पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।