शिमला: हिमाचल प्रदेश में भारी बर्फबारी से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
प्रदेश के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पिछले दो दिनों से बर्फबारी हो रही है, जिससे सैंकड़ों के अवरुद्ध होने तथा कुछ जगह बसों के फिसलने से परिवहन व्यवस्था चरमरा गई।
पर्वतीय जिलों में बर्फबारी की वजह से लोगों को बिजली व पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं से जूझना पड़ रहा है।
मौसम विभाग ने आगामी पांच दिन तक पूरे प्रदेश में बारिश-बर्फबारी का सिलसिला जारी रहने की संभावना जताई है। आठ व नौ जनवरी को पर्वतीय क्षेत्रों में भारी बर्फबारी का येलो अलर्ट जारी किया गया है।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के मुताबिक बर्फबारी से राज्य भर में 248 सड़कें बंद हो गई हैं।
लाहौल-स्पीति में 137, किन्नौर में 51, मंडी में 28, कुल्लू में 16, शिमला में 10 और चंबा में 6 सड़कें बंद हैं।
साथ ही 140 बिजली ट्रांसफार्मर ठप पड़ गए हैं। चंबा में 66, मंडी में 30, लाहौल-स्पीति में 21, किन्नौर में 19 और कुल्लू मे 4 ट्रांसफार्मर बंद होने से लोगों को बिजली किल्लत से जूझना पड़ रहा है।
शिमला सहित राज्य के सात पर्वतीय जिलों में बुधवार को दिन भर रुक-रुक कर बर्फबारी होती रही।
जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति के मुख्यालय केलांग में अब तक करीब 20 सेंटीमीटर, दारचा में 35, उदयपुर में 40 और सिस्सू में 45 सेंटीमीटर हिमपात दर्ज किया गया है।
इसके अलावा कोकसर में 33, कोठी में 20, कल्पा व खदराला में 17-17, हंसा में 12, गोंदला में 10 सेंटीमीटर बर्फ गिरी है। बर्फबारी के कारण लाहौल, किन्नौर, चंबा, शिमला और कुल्लू जिलों की अधिकतर सड़कें बंद पड़ी हैं।
ऊपरी शिमला के नारकंडा में रामपुर-शिमला एनएच-पांच लगातार दूसरे दिन अवरुद्ध रहा तथा बसों को वैकल्पिक सड़क मार्ग से भेजा जा रहा है। इसी तरह रोहड़ू-शिमला सड़क खड़ापत्थर में अवरुद्ध है। इसके अलावा ऊपरी शिमला में कई सड़कें भी बंद पड़ी हैं।
लाहौल-स्पीति जिला बर्फबारी से सबसे ज्यादा प्रभावित है। जिले के कुछ हिस्सों में बर्फबारी के कारण बिजली गुल है, वहीं प्रचंड ठंड के कारण कई जगह पेयजल संकट खड़ा हो गया है।
जानकारी अनुसार लाहौल घाटी के सभी 132 संपर्क सड़क और 21 बिजली ट्रांसफार्मर बंद हो गए हैं।
जिला प्रशासन ने घाटी के सभी पंचायतों को एडवाइजरी जारी कर बर्फबारी के बीच सफर न करने की हिदायत जारी की है। उपायुक्त नीरज कुमार ने कहा कि लोगों को मौसम खुलने तक सफर न करने की हिदायत दी गई है।
कुल्लू जिला के प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों सोलंगनाला, धुंधी व कोठी में भी बर्फबारी हो रही है। धुंधी में डेढ़ फीट व सोलंगनाला में छह इंच से अधिक बर्फ गिर चुकी है।
मनाली में दोपहर बाद हिमपात हुआ, जिसका यहां घूमने पहुंचे सैलानियों ने भरपूर आनंद लिया। भारी बर्फबारी को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा पर्यटकों को पलचान से आगे सोलंगनाला की तरफ जाने की अनुमति नहीं दी।
उधर, राजधानी शिमला में दिन भर बर्फीली हवाओं के साथ बारिश का दौर जारी रहा। पर्यटक यहां बर्फबारी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
शिमला व सुंदरनगर में बुधवार को 11-11 मि.मी.. मंडी में 12 मि.मी. डलहौजी में 41मि.मी., भुंतर में 32 मि.मी.. मनाली में 40, धर्मशाला व चंबा में 20-20 मि.मी. पालमपुर में 24 मि.मी.और कांगड़ा में 9 मि.मी. बारिश हुई है।
मौसम के इन तेवरों से समूचे प्रदेश में शीतलहर तेज हो गई है। राज्यभर में अधिकतम व न्यूनतम तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है।
बारिश-बर्फबारी से अधिकतम व न्यूनतम तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है और कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ रहा है।
आलम यह है कि तीन जिलों में रात का पारा शून्य से नीचे चला गया है। शिमला में न्यूनतम तापमान 4.6 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है।
इसके अलावा सुंदरनगर में 7.3,, भुंतर में 5.5, कल्पा में -0.6, धर्मशाला में 7.4, ऊना में 11, नाहन में 11.8, केलांग में -3.1, पालमपुर में 7.5, सोलन में 7, मनाली में 1.2, कांगड़ा में 10.2, मंडी में 7.1, बिलासपुर में 5, हमीरपुर में 4, चंबा में 5.3, डलहौजी में 1.3, कुफरी में -1, जुब्बड़हट्टी में 7 और पांवटा साहिब में 11.3 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया है।
मौसम विभाग के निदेशक सुरेंद्र पाल ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से आने वाले पांच दिनों में हिमाचल प्रदेश में ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी व मैदानों में बारिश होने की संभावना है।
आठ व नौ जनवरी को मध्यवर्ती व उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में भारी बारिश व बर्फबारी का येलो अलर्ट जारी किया गया है।