नई दिल्ली: विदेश राज्य मंत्री (Minister of State for External Affairs) वी. मुरलीधरन ने शुक्रवार को लोकसभा (Lok Sabha) को बताया कि 2011 से अब तक 16 लाख भारतीय (Indian) अपनी नागरिकता (Citizenship) छोड़ चुके हैं।
अकेले इस साल 1.83 लाख से ज्यादा भारतीयों ने नागरिकता छोड़ी है।
42 विदेशियों ने भारतीय नागरिकता स्वीकारी
कांग्रेस (Congress) नेता के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में वी. मुरलीधरन ने लोकसभा को यह जानकारी दी।
मुरलीधरन ने बताया कि 2011 में 1,22,819, 2012 में 1,20,923, 2013 में 1,31,408 और 2014 में 1,29,328 ने भारतीय नागरिकता छोड़ी। 2015 में 131489, 2016 में 141603, 2017 में 133049, 2018 में 13451, 2019 में144017, 2020 में 85256, 2021 में 163370, 2022 में 183741 भारतीयों ने अपने नागरिकता छोड़ी है।
उन्होंने बताया कि बांग्लादेश (Bangladesh), पाकिस्तान (Pakistan) और अफगानिस्तान (Afghanistan) के नागरिकों को छोड़कर 2015 में 93, 2016 में 153, 2017 में 175, 2018 में 129, 2019 में 113, 2020 में 27, 2021 में 42 और 2022 में 42 विदेशियों ने भारतीय नागरिकता स्वीकारी है।