नई दिल्ली: वैश्विक रेटिंग एजेंसी (Global Rating Agency) एसएंडपी ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भारत की विकास दर का अनुमान घटाकर 7.3 फीसदी कर दिया है।
रेटिंग एजेंसी ने पहले चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 7.8 फीसदी रहने का अनुमान जताया था।
एसएंडपी ने बुधवार को जारी अपनी रिपोर्ट में कहा कि ऐसा अनुमान बढ़ती महंगाई और रूस-यूक्रेन के बीच जारी लंबी लड़ाई के मद्देनजर लगाया गया है।
रेटिंग एजेंसी ने अपनी ‘ग्लोबल मेक्रो अपडेट टू ग्रोथ फोरकास्ट्स’ में कहा कि मुद्रास्फीति का लंबे समय तक ऊंचे स्तर पर बना रहना चिंता का विषय है।
एशियाई विकास बैंक ने 7.5 फीसदी विकास दर का अनुमान जताया था
ऐसे में वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर 7.3 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है। हालांकि, एजेंसी ने अगले वित्त वर्ष 2023-24 में वृद्धि दर 6.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया है।
उल्लेखीनय है कि इससे पहले विश्व बैंक ने अप्रैल में भारत की जीडीपी का पूर्वानुमान 8.7 फीसदी से घटाकर 8 फीसदी कर दिया था।
इसी के साथ अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भी विकास दर का अनुमान 9 फीसदी से घटाकर 8.2 फीसदी कर दिया था, जबकि एशियाई विकास बैंक ने 7.5 फीसदी विकास दर का अनुमान जताया था।
इसके अलावा रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने भी पिछले महीने विकास दर का पूर्वानुमान 7.8 फीसदी से घटाकर 7.2 फीसदी कर दिया था।