5 दिनों का होगा संसद का विशेष सत्र, दूसरे दिन से नए संसद भवन में कार्यवाही

हालांकि, तकनीकी रूप से संसदीय भाषा में यह 17वीं लोकसभा का 13वां सत्र और राज्यसभा का 261वां सत्र है

News Aroma Media

नई दिल्ली : सरकार द्वारा 5 दिनों के लिए बुलाया गया संसद का विशेष सत्र (Special Session of Parliament) सोमवार 18 सितंबर से शुरू हो रहा है। 18 से 22 सितंबर के दौरान आयोजित होने वाले संसद के इस विशेष सत्र में कुल 5 बैठकें होंगी।

हालांकि, तकनीकी रूप से संसदीय भाषा (Parliamentary language) में यह 17वीं लोकसभा का 13वां सत्र और राज्यसभा का 261वां सत्र है।

लेकिन, यह माना जा रहा है कि इस विशेष सत्र के दौरान सरकार अपने किसी बड़े और महत्वपूर्ण एजेंडे को बिल या प्रस्ताव की शक्ल देकर संसद से पारित करवा सकती है।

जस्टिस रोहिणी कमीशन की रिपोर्ट से लेकर महिला आरक्षण बिल, यहां तक कि ‘एक देश, एक चुनाव’ के लिए भी बिल लाने की बात कही गई।

हालांकि, बाद में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में ‘एक देश, एक चुनाव’ को लेकर मोदी सरकार ने आठ सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति का गठन कर यह साफ कर दिया कि इस विशेष सत्र में तो इससे जुड़ा विधेयक नहीं ही आ रहा है।

उच्चस्तरीय सूत्रों से यह भी खबर आई कि, आजादी के अमृतकाल में गुलामी की मानसिकता और गुलामी से जुड़े हर प्रतीक से देश और देशवासियों को मुक्ति दिलाने के मिशन में जुटी मोदी सरकार विशेष सत्र में भारत के संविधान से ‘इंडिया’ शब्द को भी हटाकर देश का नाम सिर्फ ‘भारत’ करने की तैयारी कर रही है।

आज तक की उपलब्धियां – पर होगी चर्चा

दिलचस्प बात यह रही कि इस एक्सक्लूसिव खबर (Exclusive news) के सामने आने के अगले ही दिन से केंद्र सरकार ने G-20 जैसे दुनिया के सबसे ताकतवर और अमीर वैश्विक संगठन के शिखर सम्मेलन से जुड़े कार्यक्रमों में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनों के लिए देश के नाम में इंडिया की बजाय भारत शब्द का प्रयोग करना शुरू कर दिया।

विपक्षी दलों ने विशेष सत्र के एजेंडे को लेकर जब लगातार सवाल पूछना शुरू कर दिया तो केंद्र सरकार ने संसदीय नियमों के अनुसार विशेष सत्र के एजेंडे को सार्वजनिक कर दिया।

एजेंडे के मुताबिक, विशेष सत्र के दौरान संसद में आजादी के 75 सालों – संविधान सभा से लेकर आज तक की उपलब्धियां – पर चर्चा होगी। इसके साथ ही सरकार ने चार विधेयकों को भी संसद के इस विशेष सत्र के एजेंडे में शामिल किया है।

हालांकि, सत्र को लेकर सरकार की तैयारियों, सांसदों को व्हिप जारी कर पांचों दिन सदन में उपस्थित रहने का निर्देश देने, मंत्रियों को भी पांचों दिन सदन में उपस्थित रहने का निर्देश देने, सत्र शुरू होने से एक दिन पहले यानी 17 सितंबर को सुबह उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में संसद के नए भवन के गजद्वार पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराने (17 सितंबर को विश्वकर्मा पूजा का भी दिन है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) का जन्मदिन भी है।,

19 सितंबर संसद भवन में गणेश चतुर्थी के अवसर पर विधिवत ढंग से होगी पूजा

सत्र के पहले दिन 18 सितंबर को संसद भवन की पुरानी इमारत में ही फोटो सेशन होने और सत्र के दूसरे दिन 19 सितंबर को गणेश चतुर्थी के अवसर पर विधिवत ढंग से पूजा करने के बाद नए संसद भवन में दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू होने को लेकर जिस स्तर पर तैयारी की जा रही है, उससे यह लग रहा है कि सरकार इस सत्र के जरिए आगामी लोकसभा चुनाव का एजेंडा अभी से सेट कर देना चाहती है।

IANS से बात करते हुए भाजपा के एक दिग्गज नेता ने बताया कि G-20 के सफल शिखर सम्मेलन के दौरान पूरे देश ने देखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किस तरह से विश्व भर में भारत का डंका बज रहा है और चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग ने तो भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम (Space Program) को नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है।

उन्होंने कहा कि आजादी के 75 वर्षों की यात्रा पर संसद में चर्चा के दौरान भाजपा सांसद निश्चित तौर पर संसद के जरिए पूरे देश को इन उपलब्धियों की जानकारी देंगे।

वहीं, सरकार के एक मंत्री ने IANS से बात करते हुए यह दावा किया कि सरकार अमृतकाल को लेकर बुलाए गए संसद के विशेष सत्र को आरोप-प्रत्यारोप से अलग रखकर भारत की 75 वर्षों की उपलब्धियों और अगले 25 वर्षों के लिए विकसित भारत बनाने के रोडमैप पर चर्चा कर इस सत्र को भारतीय संसदीय इतिहास का एक यादगार सत्र बनाना चाहती है।

हालांकि, इस चुनावी माहौल और सत्ताधारी गठबंधन NDA और विपक्षी गठबंधन इंडिया (NDA and Opposition Alliance India) के बीच बढ़ रही तल्खी को देखते हुए फिलहाल तो ऐसा होना मुश्किल ही नजर आ रहा है क्योंकि भाजपा और कांग्रेस दोनों के अपने-अपने एजेंडे हैं।