कोलंबो: हाल ही में खुफिया एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (Liberation Tigers of Tamil Eelam)(लिट्टे) हमले की प्लानिंग कर रहा है।
18 मई को तमिल नरसंहार स्मरण दिवस के दौरान लिट्टे हमला कर सकता है। इसको ध्यान में रखते हुए श्रीलंका के रक्षा मंत्रालय ने देश में सुरक्षा कड़ी कर दी है।
तमिल नरसंहार स्मरण दिवस को मुलिविक्कल स्मरण दिवस के रूप में भी जाना जाता है। 18 मई को श्रीलंकाई तमिलों द्वारा प्रतिवर्ष चिह्न्ति किया जाता है।
इसी तारीख को द्वीप राष्ट्र में 25 साल से अधिक समय तक चला गृह युद्ध 2009 में समाप्त हुआ था।
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के संबंध में खुफिया और सुरक्षा बलों को प्राप्त सूचना की विधिवत जांच की जाएगी। साथ ही सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सभी कदम उठाए जाएंगे।
1948 में स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद से श्रीलंका अपने सबसे खराब आर्थिक दौर से गुजर रहा है। खुफिया एजेंसियों ने चेतावनी दी कि लिट्टे कैडर स्थिति का फायदा उठाते हुए हमला कर सकता है।
शुरूआत में, श्रीलंका के रक्षा मंत्रालय ने द हिंदू अखबार की रिपोर्ट का खंडन करते हुए कहा था, यह खबर पूरी तरह से निराधार है।
हमें इस तरह की कोई खुफिया जानकारी नहीं मिली है। राजनीतिक गलियारों में भी इस खबर की आलोचना हुई थी।
मार्क्सवादी नेशनल पीपुल्स पावर के राजनेता बिमल रत्नायके ने खबर की प्रामाणिकता पर सवाल उठाया और पूछा कि क्या यह एक सच्ची खबर है।
महिंदा राजपक्षे की सरकार को गिराने के बाद, राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने अपने बड़े भाई की जगह छह बार के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को प्रधानमंत्री नियुक्त किया है, जो अब एक नई सरकार बनाने के लिए तैयारी कर रहे है।